गांव हेब तहसील थुरल जिला कांगड़ा में लग रही ए टी सी की साइट पर काम कर रहे लकी कुमार व उनकी साथी पर कुछ लोगों ने किया हमला मोबाइल और पच्चीस हजार नकद राशि भी छीनी। लकी कुमार का कहना है कि शाम को 5:30 बजे काम खत्म होने के बाद वो और उनका ठेकेदार हरीश राणा हम दोनों हेब से थुरल की तरफ बाइक पर जा रहे थे तभी गांव के एक आदमी जिसका नाम अशोक कुमार और उसके साथियों ने हमें पकड़कर वहां पर रोक लिया। इन लोगों ने जे सी बी सड़क के बीच एक खड़ा करके सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया था। जब हम दोनों ने इनसे अपनी बाइक को निकालने की रिक्वेस्ट की तब इन लोगों ने हमें धक्का देकर बाइक से नीचे गिरा दिया तथा हमारे साथ गाली-गलौज और हाथापाई करने लगे। लकी कुमार का यह भी कहना है कि इन लोगों ने मेरा मोबाइल तथा मेरी नगद राशि ₹25000 छीन लिए और हमें जान से मार देने की धमकी दी। यही लोग अशोक कुमार और इसके साथी दिन को 3:00 बजे हमारी एटीसी की साइट पर आकर हमें जान से मारने की धमकी दे रहे थे। इनका कहना यह था कि अगर तुम लोग यहां पर टावर कंस्ट्रक्शन करोगे तो हम तुम्हें जान से मार देंगे।जिसकी जानकारी मैंने टेलीफोन के माध्यम से पुलिस चौकी थुरल को 3:00 बजे दे दी थी, लेकिन इसके बाद भी पुलिस विभाग हरकत में नहीं आया। घर जाते समय रास्ते हमारे साथ सांय 5:45 बजे पर यह सारा घटनाक्रम हुआ उसके बाद फिर हम वहां से वापस आकर साइट पर खड़े हो गए हमने पुलिस चौकी थुरल में इसकी शिकायत टेलिफोन के जरिए+91189427711 पर दर्ज करवाई। लेकिन पुलिस चौकी थुरल से यह जवाब मिला कि आप पुलिस चौकी में आकर अपनी लिखित में शिकायत दर्ज करवा दें, लेकिन मैं पुलिस चौकी थुरल नहीं जा सका क्योंकि गांव वालों ने हमें चारों तरफ से घेर रखा था। जब पुलिस वालों ने कोई फोन के माध्यम से की गई मेरी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की तो मैंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत दर्ज करवाई। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फिर हमें यह जवाब मिला कि इस शिकायत पर कार्यवाही 12 से 14 घंटे के अंदर होगी। यदि आप ज्यादा इमरजेंसी है तो कृपया आप इमरजेंसी नंबर 112 पर कांटेक्ट करें हमने इसके बाद इमरजेंसी नंबर पर कांटेक्ट किया।इसके बाद हमें पुलिस चौकी थुरल से फोन आया तथा पुलिस चौकी थुरल से हमें यह कहा गया कि आप किसी भी तरह से पुलिस चौकी में आकर लिखित में शिकायत दर्ज करें। तभी हम इस पर कोई कार्यवाही कर सकते हैं। मैंने पुलिस चौकी थुरल को सारी बात बताई तथा उन्हें यह भी बताया कि मैं यहां से बाहर नहीं निकल सकता हूं क्योंकि मेरे पास कोई भी साधन नहीं है। तब पुलिस स्टेशन से किसी बंदे के द्वारा यह कहा गया कि अगर आप वहां से नहीं निकल सकते हैं तो फिर आप वहीं पर बैठे रहो। इस समय रात के 8:30 बज चुके थे तथा मैं अकेला यहां पर बारिश में भीग रहा था। इसी बीच फिर मैंने जिसकी जमीन में टावर लग रहा है, उसका नाम हरबंस सिंह है मैंने उनको कांटेक्ट किया तथा उनकी मदद से गांव के कुछ लोगों को लेकर मैं पुलिस स्टेशन पहुंचा और वहां पर लिखित शिकायत दर्ज करवाई।जब हमने पुलिस स्टेशन में यह पूछा कि हम 3:00 बजे से आपको कंप्लेंट कर रहे हैं, आप क्यों नहीं पहुंचे तब पुलिस वालों का यह जवाब आया कि बारिश लग रही है और हमारे पास कोई गाड़ी नहीं है। हमारे पास एक बाइक है। हम उस पर आ सकते थे लेकिन हम नहीं आए बारिश के कारण। अभी तक मुझे मेरा फोन वापस नहीं मिल पाया है और साथ में मेरी 25000 की नगदी भी मुझे नहीं मिल पाई है। लगातार पुलिस को कंप्लेंट करने के बावजूद भी पुलिस साइट तक नहीं पहुंच पाई। जबकि साइट से पुलिस चौकी की दूरी लगभग एक या डेढ़ किलोमीटर थी। पुलिस की इसी लापरवाही के चलते मेरे साथ साइट पर कुछ भी हो सकता था, लेकिन मेरी इतनी रिक्वेस्ट करने के बावजूद भी पुलिस के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और उन्होंने लगातार मुझे निराश किया।
Published On: January 5, 2021 11:59 pm