कांगड़ा |
पुलिस थाना इंदौरा के तहत पंचायत भोग्रवां के पलाख गांव की एक महिला ने अपने देवर के साथ अवैध संबन्ध को छुपाने के लिए,अपने ही बेटे की गला दबा कर हत्या कर दी थी। दिल दहला देने वाली हत्या के इस मामले में दोषी पाए जाने पर, महिला पुणे देवी और उसके देवर सेवा सिंह को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राजेंद्र की अदालत द्वारा उपरोक्त बेटे की मां तथा उसके चाचा को उम्र कैद की सजा सुनाई है। नूरपुर के उप जिला न्यायवादी पंकज धीमान ने इस संबंध में जानकारी दी है। यह मामला वर्ष 2019 का है। इस मामले की जाँच तत्कालीन थाना प्रभारी इंदौरा सुरेंद्र धीमान के नेतृत्व में में हुई, तथ्यों के आधार पर जांच करने पर पाया गया के मामला अवैध संबंधों का था। जिसे छुपाने के लिए दोनों ने मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था।
जानिए क्या था मामला
बता दें कि पुलिस थाना इंदौरा के तहत पंचायत भोग्रवां के पलाख गांव में एक महिला ने सात साल के बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी और शव घर से थोड़ी दूर जंगल में फेंक दिया। महिला के पति ने पुलिस थाना इंदौरा में शिकायत की तो पूछताछ में महिला ने जुर्म कुबूल कर हत्या में देवर के भी शामिल होने की बात काबुली।
महिला के पति बलवंत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया था कि उनके तीन बच्चे थे। सबसे बड़ा बेटा सात वर्षीय युद्धवीर उर्फ विनय, चार वर्ष का बेटा और 18 माह की बेटी है। बलवंत सिंह का आरोप था कि उसकी पत्नी और उसके छोटे भाई में अवैध संबंध थे। युद्धवीर ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था और इस बाबत घर में बताने की बात की थी। इसके बाद युद्धवीर घर से गायब था।
बलवंत ने पुलिस थाना इंदौरा में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और पत्नी और अपने भाई पर शक जाहिर किया था। रिपोर्ट के आधार पर जब पुलिस ने बलवंत की पत्नी से पूछताछ की तो उसने जुर्म कुबूल कर लिया। पुलिस पूछताछ में महिला ने बताया कि उसने देवर के साथ मिलकर बेटे की हत्या कर शव जंगल में फेंका दिया था। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने जंगल से शव बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने इस मामले जाँच की और पुख्ता सबूतों के साथ आरोपितों पुणे देवी और उसके देवर सेवा सिंह के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था। कोर्ट ने गवाहों और आरोपित पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आरोपितों के दोषी साबित होने पर उम्र कैद की सजा सुनाई है।