अनिल शर्मा | ज्वाली, 10 सितंबर|
Kangra News Update: विधानसभा क्षेत्र ज्वाली में कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर कंप्यूटर संस्थान कोर्स की एवज में मोटी दाखिला फीस व महीना की फीस वसूल करके चांंदी कूट रहे हैं। पीजीडीसीए व डीसीए कोर्स करवाने के लिए एमसीए होल्डर इंस्ट्रक्टर होना चाहिए लेकिन ज्वाली में पीजीडीसीए होल्डर ही पीजीडीसीए वालों को पढ़ा रहा है। इसके अलावा संस्थान मापदंडों व नियमों को भी पूरा नहीं करते हैं। न तो पर्याप्त भवन है और न ही पर्याप्त अन्य सुविधाएं हैं।
अग्निशमन यंत्र तो दूर-दूर तक दिखाई नहीं देते हैं। पानी की कोई सुविधा नहीं है और न ही बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगाई जाती है। मोटी कमाई के चक्कर में संस्थान में दाखिला कर लेते हैं जबकि बच्चा संस्थान में आता ही नहीं है परन्तु उसको सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। बाद में जब कोई फार्म भरते हैं तो वहां पर यह कंप्यूटर का सर्टिफिकेट वैद्य ही नहीं होता है।
विधानसभा क्षेत्र ज्वाली में कुछ संस्थान तो कौशल विकास भत्ता के लिए मान्यता प्राप्त हैं जबकि अधिकतर निजी ही तौर पर ऐसे ही चल रहे हैं। जो कंप्यूटर संस्थान बिना कौशल भत्ता के चल रहे हैं उनकी मान्यता कहां से है और किससे है, इसका कोई पता नहीं चलता। न तो प्रशासन इनको पूछता है तथा सरेआम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
कौशल विकास भत्ता के लिए मान्यता प्राप्त कंप्यूटर संस्थान बच्चों का दाखिला कर लेते हैं तथा उनको मिलने वाला कौशल विकास भत्ता स्वयं हड़प लेते हैं। बच्चे संस्थान में आकर ऑनलाइन हाजिरी लगाकर चले जाते हैं जबकि उनको पढ़ाया नहीं जाता है।
सूत्रों के मुताबिक हर कंप्यूटर संस्थान में अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य है लेकिन कंप्यूटर संस्थानों में अग्निशमन यंत्र दिखाई ही नहीं देते हैं और अगर किसी ने लगाए हैं तो उनको रिफिल ही नहीं करवाया जाता है। बच्चों के बैठने के लिए न तो पर्याप्त कुर्सियां होती हैं और न ही पर्याप्त कंप्यूटर हैं। दुकानों में ही संस्थानों को चलाया जा रहा है।
यह संस्थान बच्चों से मोटी फीस वसूल करते हैं जबकि प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। प्रशासन सहित रोजगार कार्यालय में इन संस्थानों का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। बुद्धिजीवियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, जिलाधीश कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल से जवाली के समस्त कंप्यूटर संस्थानों का निरीक्षण करने की मांग उठाई है ताकि बच्चों का भविष्य खराब न हो।
जिलाधीश डॉ निपुण जिन्दल के बोल…..
इस बारे में जिलाधीश कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि जिला रोजगार अधिकारी सहित एसडीएम को हर कंप्यूटर संस्थान की चैकिंग करने के निर्देश दिए जाएंगे तथा जो कोई नियमों को दरकिनार करके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करता पाया गया, उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
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