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Exclusive! : फतेहपुर के सार्वजनिक शौचालयों पर लगे ताले ,बने है सफेद हाथी..!

Exclusive! : फतेहपुर के सार्वजनिक शौचालयों पर लगे ताले ,बने है सफेद हाथी..!
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अनिल शर्मा | फतेहपुर
Exclusive! Kangra News: जिला कांगडा के विकास खण्ड कार्यालय व अधिकतर पंचायतों में नए शौचालयों के निर्माण कराने में जुटे हैं।  वहीं दूसरी और विधानसभा फतेहपुर के सार्वजनिक स्थानों मे लाखों रुपए की लागत से निर्मित शौचालय धूल फांक रहे है। स्थानीय प्रशासन व विकास खण्ड कार्यलय फतेहपुर की लापरवाही के चलते फतेहपुर बाजार के सार्वजनिक स्थानों पर बने शौचालय बंद पड़े है।

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शौचालयों के बंद हाेने के कारण राहगीर खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। स्थानीय पंचायत कार्यालय के पास स्थित शौचालय लंबे समय से गंदगी से भरा पड़ा है । जिसकी कोई सुध तक लेने वाला नहीं है।उसको साफ व मरम्मत करने की बजाए उसी के साथ नये शौचालय पंचायत ने बनाना उचित समझा है। मगर सवाल यह बनता है कि स्वच्छता का हल सफाई है या नये शौचालय बनाना?

वही अगर लेखापाल एवं कोषाधिकारी कार्यालय के पास बने शौचालय की बात करें तो उसकी तो आज तक कोई सुध लेने वाला ही नहीं है। शौचालय के चारों तरफ झाड़ियाँ फैली हुई हैं। रख रखाव व देख रेख ना होने के चलते सेफ्टी टैंक का ढककन टूटा हुआ है दरवाज़ा व कमोड टूटा हुआ है।

अगर फतेहपुर बाजार की बात की जाए तो यहाँ हर प्रकार के विभाग का ब्लॉक स्तर का कार्यालय है। दिनभर इन कार्यालयों में सैंकड़ो लोगो व गाडियों का आना जाना होता है। साथ ही सैकड़ाे की संख्या में लोग आते जाते रहते हैं जिनको इस समस्या से जूझना पड़ता है

शौचालयॊ पर लगे ताले ,बने है सफेद हाथी

फतेहपुर के मुख्य केंद्र रामलीला मैदान है इसी के साथ राम लीला मंच के साथ बने शौचालयो पर ताला जडा़ हुआ है|। वहीं बात करें विकास खंड अधिकारी के कार्यालय द्वारा बनाए गये वजीर राम सिंह स्टेडियम मे छ : शौचालयों की तो उन पर भी ताले लटके हुए हैँ। आखिर जनता के लाखों रूपए से बने यह शौचालय आम जनमानस के लिए ही क्यू बंद है ? जनता के बीच यह सबसे बडा़ सवाल बना हुआ है।

महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बने बंद शौचालय

सार्वजनिक स्थानों पर बने बंद शौचालय महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। बंद शौचालयों के चलते पुरुष तो खुले में शौच चले जाते है लेकिन महिलाएं खुले में शौच के लिए अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती है। जिम्मेदारों की मूक दर्शिता के चलते सरकार के लाखों रुपए खर्च के बाद भी शौचालयों की दयनीय स्थिति बनी हुई है। प्रशासन व जिम्मेदारों की मुक दर्शिता के चलते निर्मित शौचालय धूल फांक रहे है। सरकारी बैठकों में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे बड़े बड़े दावें फतेहपुर मे धराशायी हाेते नजर आ रहे है।

बस स्टैंड फतेहपुर में बना शौचालय जनता के लिए बना सहारा

अगर बस स्टैंड फतेहपुर(हाड़ा )में बने शौचालय की बात करें वो आमजनमानस के लिए मात्र एक सहारा बना हुआ है। हालाँकि पानी और उचित रखरखाव की अव्यवस्था यहाँ सामने आती रहती हैं। मगर शौचालय का खुला रहना आम जान मानस द्वारा इसका प्रयोग करना शौचालय पर जनता के खर्चे पैसे का सदुपयोग दिखाता है। जो फतेहपुर मे आने जाने वाले लोगों व महिलाओं के लिए हल्का होने का सहरा बना हुआ है।

मामला ध्यान मे आया है तालों को खुलवा दिया जाएगा 

वहीं विकास खण्ड अधिकारी फतेहपुर सुभाष अत्री ने कहा है कि उनके ध्यान में यह मामला आया है, और शीघ्र ही तालों को खुलवा दिया जाएगा। इसके अलावा पंचायतों व सार्वजनिक क्षेत्रो मे बने शौचालय को स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ करवाने का बजट भी है अगर स्वच्छ करवाने की वजहा से ऎसा हो रहा है तो इस पर नियम अनुसार कड़ी कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

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