प्रजासत्ता |
पालमपुर में महंगे वाहनों का पंजीकरण करने के लिए एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मामले की जाँच में तेजी लाई जा रही है| बता दें आरएलए कार्यालय में करीब 112 वाहनों का फर्जी तरीके से पंजीकरण दलालों की ओर से करवाया गया है, जिसमें पालमपुर के पंजीकरण विभाग में कार्यरत कर्मचारी का नाम भी सामने आने लगा है। इस कर्मचारी के खिलाफ एसडीएम ने जांच बिठा दी है।
वहीँ बीएस-4 वाहनों के पंजीकरण में हुए फर्जीवाड़े की प्रशासन व पुलिस ने जांच तेज कर दी है। उपमंडल प्रशासन ने फर्जीवाड़े में संलिप्त क्लर्क को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसके जवाब को लेकर भी जांच की जा रही है। उपमंडल प्रशासन ने अब सभी वाहनों का पंजीकरण सॉफ्टवेयर से करने का आदेश जारी किया है।
एसडीएम धर्मेश रामोत्रा ने पत्रकारों को बताया कि बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण 31 मार्च 2020 तक होना था लेकिन पंजीकरण एवं लाइसेंस विभाग में नियमों को दरकिनार कर किया गया है। जांच करने पर करीब 112 वाहनों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा पाया गया है। उन्होंने आरएलए कार्यालय में कार्यरत क्लर्क के जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए बताया कि रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त को भेज दी है।
उधर, डीएसपी पालमपुर अमित शर्मा ने बताया कि फर्जीवाड़े से जुड़े 110 वाहनों की डिटेल हासिल कर ली है। इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गौर हो कि पालमपुर में नियमों को दरकिनार कर बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण निर्धारित तिथि के बाद किया गया है। जब इन बीएस-4 वाहनों का 31 मार्च 2020 के बाद पंजीकरण ही नहीं हो सकता था, लेकिन दलाली के खेल में यह सारा फर्जीवाड़ा तैयार कर इन वाहनों का पंजीकरण किया गया। यह पंजीकरण बड़ी की सफाई से किया गया है। जिसमें विभागीय कर्मचारी की बड़ी भूमिका हो सकती है|