लाहुली कोकिला ‘रोजी’ ने लोक गायिकी में स्थापित किया है एक अलग मुकाम

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Tek Raj


लाहुली कोकिला ‘रोजी’ ने लोक गायिकी में स्थापित किया है एक अलग मुकाम

लाहौल स्पीति|
लाहुली कोकिला ‘रोजी’ ने लोक गायिकी में स्थापित किया है एक अलग मुकाम
कुल्लू 19 अपै्रल। जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति के छोटे से गांव में पली-पढ़ी रोजी शर्मा अपनी लोक गायिकी के कारण ‘लाहुली कोकिला’ के नाम से भी जानी जाती है। सुरीली आवाज की मालिक रोजी ने लोक गायिकी में अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया है। लाहौल घाटी को कोई भी मेला व त्यौहार रोजी की गायिकी के बगैर अधूरा रहता है। हसमुख और खुशमिजाज रोजी लोगों के दिलों पर भी राज करती हैै। विवाह शादी हो या अन्य समारोह जनजातीय लोग रोजी को गाने के लिये बुलाना नहीं भुलते।

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