Lahaul Spiti News: औषधीय पौधों के कृषिकरण और संरक्षण पर हुआ मंथन


औषधीय पौधों के कृषिकरण और संरक्षण पर हुआ मंथन

Lahaul Spiti News: उदयपुर, लाहौल स्पीति में बुधवार को “ऊच हिमालय के औषधीय पौधों की खेती, मूल्य संवर्धन और विपणन” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आयुष मंत्रालय भारत सरकार, राष्ट्रीय औषधिय पादप बोर्ड, क्षेत्रीय एवं सुगमता केन्द्र उतर भारत- एवं अनुसंधान संसथान भारतीय चिकित्सा पद्त्ति का संयुक्त आयोजन शुरू किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन केशव राम, उप जिलाधिकारी, उदयपुर, लाहौल स्पीति द्वारा किया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और स्थानीय किसानों का स्वागत किया और उन्हें इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। केशव राम ने कहा कि औषधीय पौधों की खेती एक उत्कृष्ट आय का विकल्प है, जिसे आने वाले वर्षों में पूरे प्रदेश, देश और विश्व स्तर पर अपनाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लाहौल स्पीति को औषधीय पौधों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाना चाहिए, जिससे यह क्षेत्र वैश्विक मानचित्र पर “छर्मा” जैसे औषधीय पौधों के रूप में विकसित हो सके।

कार्यक्रम में डॉ. अरुण चंदन, क्षेत्रीय निदेशक, आर. सी. ऍफ़. सी. एन. आर.- 1, जोगिंदर नगर ने औषधीय पौधों के संग्रहण, खेती, चुनौतियों, अस्थायी संग्रहण, किसानों की जागरूकता की कमी और विपणन समस्याओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने छर्मा की उपयोगिता और भविष्य में संवर्धन की आवश्यकता वाले संकटग्रस्त औषधीय पौधों की चर्चा की। डॉ. चंदन ने औषधीय पौधों की विविधता और संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।

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