प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार अस्पतालों में बेहतर सुविधाएँ दें की बात करती है लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिला में भी हालत इस कदर ख़राब हैं की आपात सेवाओं डॉक्टर नही मिल रहे हैं| ताज़ा मामला मंडी जिला के सरकाघाट के थौना पीएचसी का है|
जहाँ एक सड़क हादसे के बाद जब घायलों को उपचार के लिए स्थानीय पीएचसी ले जाया गया तो वहां पर ना तो डॉक्टर मिला और ना ही एंबुलेंस। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में सरकार और स्थानीय विधायक के प्रति भारी रोष देखने को मिला। जिसको लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है|
वहीँ लोगों का आरोप है कि उनके क्षेत्र में पीएचसी के नाम पर भवन तो तैयार कर दिया गया है, लेकिन यहां पर सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। यदि मौके पर डॉक्टर होता तो शायद जल्दी उपचार मिल पाता। घटनास्थल से सरकाघाट की दूरी दो घंटों की, जबकि मंडी की दूरी तीन घंटों की बताई जा रही है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते हादसे में घायलों को इलाज प्राथमिक उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी|
क्या है मामला
दरअसल सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाली थौना पंचायत की गुज्जर गैहरा गांव की पांच महिलाएं राशन लेने थौना गांव गई हुई थीं। वापसी में उन्हें एक जीप (Jeep) नंबर एचपी 65 4509 मिल गई। महिलाएं भी घर वापसी की जल्दी में जीप पर सवार हो गईं, लेकिन कुछ ही दूरी पर यह जीप हादसे का शिकार हो गई और सड़क से 250 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई है। दो को मंडी रेफर कर दिया गया है, जबकि एक का सरकाघाट में उपचार जारी है।