प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 56वां दिन है| 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अभी तक कुल नौ दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं और गतिरोध बरकरार है|
वहीँ गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालने वाले मामले पर बुधवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई| सर्वोच्च अदालत ने इस विवाद में दखल देने से इनकार किया है और कहा है कि दिल्ली पुलिस ही इस पर इजाजत दे सकती है| सर्वोच्च अदालत का कहना है कि ये पुलिस का मामला है और कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा. दूसरी ओर किसान नेताओं ने कहा है कि गणतंत्र दिवस की रैली वो जरूर निकालेंगे|
बता दें कि किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है और दिल्ली पुलिस से इसकी इजाजत मांगी है| दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत ना देकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है |
वहीँ केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस के माध्यम से याचिका दायर कर कहा था कि गणतंत्र दिवस समारोह को बाधित करने के लिए प्रस्तावित कोई भी रैली या विरोध से देश को शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी| जबकि किसानों ने तर्क दिया है कि जब गणतंत्र दिवस की परेड खत्म हो जाएगी, उसके बाद ही अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और इससे किसी को तकलीफ नहीं होगी|
किसानों और पुलिस के बीच भी बैठक
आपको बता दें कि बुधवार को ही दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच में ट्रैक्टर रैली को लेकर एक बैठक चल रही है| जिसमें गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली परेड और ट्रैक्टर रैली के रूट को लेकर चर्चा की जा रही है. ऐसे में अब ट्रैक्टर रैली को लेकर क्या फैसला होता है और गणतंत्र दिवस पर किस तरह का नजारा दिखता है इसपर हर किसी की नजर टिकी है|