प्रजासत्ता|
किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी को एक बार फिर बातचीत होगी, लेकिन इससे दो दिन पहले ही किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की धमकी दी है। सरकार और किसानों के बीच 4 में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है, लेकिन दो अभी भी बाकी है।
किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने आज दोपहर एक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं को बताया, “हम आज (सोमवार) 4 जनवरी को होने वाली बैठक के लिए विचार-विमर्श करने जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय 5 जनवरी को मामले की सुनवाई करने जा रहा है। यदि कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है और यदि वार्ता विफल हो जाती है, तो हम कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर 6 जनवरी को एक ट्रैक्टर मार्च करेंगे। हम 15 दिनों के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर हम गवर्नर हाउस के बाहर एक विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
On 23rd January, we will hold marches towards Governors' Houses in different States, and 'tractor Kisan Parade' will be held on 26th January in Delhi: Krantikari Kisan Union President Darshan Pal#FarmLaws pic.twitter.com/y9h3oPmL0Z
— ANI (@ANI) January 2, 2021
उन्होंने कहा, “26 जनवरी को हम दिल्ली में ट्रैक्टरों पर तिरंगा लेकर विशाल रैली करेंगे। हम सभी मुख्यालयों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए यह आह्वान करते हैं।”
आज सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी, इसके बाद किसानों की सात सदस्यीय कमेटी आज दिल्ली प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करेगी। इसमें अगली रणनीति का खुलासा किया जाएगा। अब किसान हरियाणा सरकार गिराने की बात कहने लगे हैं। किसानों ने कहा है कि बीजेपी और जेजेपी के विधायकों, सांसदों का गांव-गांव विरोध होगा और तक तक होगा जब तक हरियाणा में इन दोनों की सरकार गिर नहीं जाती।
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है। दिसंबर तिमाही में इस आंदोलन से करीब 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स ने ये जानकारी दी है।