प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|\
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के निदेशक संजय मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने के सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी हैे। 15-16 सितंबर की मध्य रात्रि तक संजय मिश्रा पद पर बने रहेंगे। हालांकि इसके बाद उन्हें विस्तार नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को 3 जजों की पीठ में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई की।
सरकार ने यह कहते हुए उनका कार्यकाल 15 अक्टूबर तक बढ़ाने की मांग की थी कि मिश्रा की अनुपस्थिति देशहित में होगी। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की चल रही समीक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को कहा था कि ईडी प्रमुख के रूप में मिश्रा के कार्यकाल का तीसरा विस्तार अवैध था और 2021 में उसके फैसले का उल्लंघन था। हालांकि, सुचारू स्थानांतरण की अनुमति देने के लिए उन्हें 31 जुलाई तक पद पर बने रहने की अनुमति दी थी।
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता और मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव जया ठाकुर द्वारा दायर एक याचिका में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के रूप में संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार के लिए केंद्र द्वारा पारित नवंबर 2021 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका वरिंदर कुमार शर्मा और वरुण ठाकुर के माध्यम से दायर की गई थी। मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था कि सरकार संविधान के प्रावधान को बदलने के लिए अध्यादेश जारी नहीं कर सकती है और न ही लोकसभा और न ही राज्यसभा ने इसे पारित किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि सामान्य परिस्थितियों में हम अर्जी पर सुनवाई नहीं करते हैं। लेकिन बड़े सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए हम संजय मिश्रा को 15 सितंबर 2023 तक ईडी निदेशक के रूप में जारी रखने की अनुमति देने के इच्छुक हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि किसी अन्य अर्जी पर सुनवाई नहीं होगी। वह 15-16 सितंबर 2023 की मध्यरात्रि को ईडी निदेशक पद से हट जाएंगे।