प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के 100 दिन पूरे हो चुके हैं| पिछले साल के 26 नवंबर से ही किसान हजारों की संख्या में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर अलग-अलग जगह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं|
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कुंडली में एक्सप्रेसवे जाम किया। किसानों ने आज सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को जाम करने की घोषणा की है। #FarmersProtest pic.twitter.com/KaMlmmJXJG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2021
शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के तीनो कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एक्सप्रेसवे जाम किया। किसानों ने आज सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को जाम करने की घोषणा की है। किसान संगठन संयुक्ता किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से काली पट्टी बांधने का अनुरोध किया था और कहा था कि पांच घंटे की नाकेबंदी शांतिपूर्ण होगी। संगठन ने आगे कहा था कि यात्रियों को परेशान नहीं किया जाएगा।
बता दें कि 26 नवंबर को शुरू हुए आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने पहली बार एक दिसंबर को किसानों से बातचीत की पहल की थी| अब तक कुल 11 दौर की वार्ता किसान प्रतिनिधियों और सरकार के नुमाइंदों के साथ हो चुकी है लेकिन एक भी वार्ता सफल नहीं रही है| किसान तीनों कानूनों के रद्द कराने पर अड़े हैं, जबकि सरकार उसमें संशोधन का प्रस्ताव देती रही है| सरकार ने तीनों कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम करार देते हुए कहा है कि इससे किसानों को लाभ होगा और अपनी उपज बेचने के लिए उनके पास कई विकल्प होंगे|