प्रजासत्ता|
कृषि कानून को लेकर विरोध के बीच आज दोपहर 3 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में किसान य़ूनियन और सरकार की बैठक होनी है। उससे पहले बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के घर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ बैठक करने पहुंचे हैं।
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह सहित नरेंद्र मोदी सरकार के शीर्ष मंत्री बातचीत करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी के आवास पर जुटे। शाह के अलावा, नड्डा के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए।
उच्च स्तरीय बैठक से पहले मीडिया से तोमर ने कहा, किसान नेताओं को आज दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है। सरकार किसानों के साथ बातचीत करने और उनकी मांगों को सुनने के लिए हमेशा तैयार है। बैठक के दौरान, मंत्रियों द्वारा किसानों की मांगों पर चर्चा करने की संभावना है।
किसान क्रमश: दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-उत्तर प्रदेश मार्गों पर दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने निमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कृषि संगठनों की बैठक में भाग लेने और पूरे देश के किसानों के लिए एक साझा निर्णय लेने की उम्मीद है। एक पंजाब-विशिष्ट पैकेज या प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है।
इससे पहले आज, दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जेटी सेक्य ने कहा, “देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी को नहीं बुलाया गया है। सभी समूहों को बुलाए जाने तक बातचीत के लिए जा रहे हैं।”
हजारों किसान मंगलवार को लगातार छठे दिन विभिन्न दिल्ली बॉर्डर पर रुके हुए हैं, जोकि नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को डर है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली खत्म करके खेती को कॉरपोरेट के हवाले कर दिया जाएगा। हालांकि, केंद्र का कहना है कि नए कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।