प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध को खत्म करने के प्रयास में सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों की तरफ से पेश किए वकील प्रशांत भूषण से इस मामले का हल पूछा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह गठित कमेटी की आलोचना करने वाले लोगों फटकार लगाते हुए कहा कि कमेटी के पास कानूनों पर निर्णय लेने की कोई शक्ति नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, “हमने (कमेटी को) सभी को सुनने और हमें रिपोर्ट सौंपने की शक्ति दी है। पक्षपात का सवाल कहां है? (वहां) लोगों को ब्रांड बनाने और उन्हें बदनाम करने की कोई आवश्यकता नहीं है।”
चीफ जस्टिस ने प्रशांत भूषण से पूछा कि इस मामले का हल क्या है। किसानों को सलाह है कि कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है, कोर्ट इसे देख रहा है।
जिसपर प्रशांत भूषण ने दोहराया कि वे चाहते हैं कि कानूनों को निरस्त किया जाए, इसलिए आगे कोई चर्चा नहीं होगी।
CJI ने कहा कि एक लोकतंत्र में निरसन अदालत के अलावा विभिन्न मुद्दों को जब्त कर लिया जाता है। निरस्त करने की अदालत की शक्ति में नहीं है। हम एक बात बताना चाहते हैं कि हमें चिंता हो रही है।
कमेटी के लोगों की छवि खराब करना सही नहीं
सीजेआई ने कहा कि लेकिन इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है . आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना, मत हो, लेकिन किसी को इस तरह ब्रांड न करें. CJI ने कहा कि पब्लिक ओपिनियन को लेकर अगर आप किसी की छवि को खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नहीं करेगा. कमेटी के सदस्यों को लेकर इस तरफ चर्चा की जा रही है.
हम केवल मामले की संवैधानिकता तय करेंगे.सीजेआई ने कहा कि आप बहुमत की राय के अनुसार लोगों को बदनाम करते हैं. अखबारों में जिस तरह की राय दिखाई दे रही है, हमें खेद है.
अगर कमेटी के समक्ष कोई पेश नहीं होता तो भी कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी
CJI ने कहा कि आपकी अर्जी में है कि कमेटी के सारे सदस्यों को बदला जाए. संगठन ने कहा कि न्यूज पेपर की रिपोर्ट पर कहा कि CJI ने कहा कि क्या वहां लिखा हुआ है कि वो इस विषय (कृषि) के बारे में नहीं जानते. CJI ने कहा कि कोर्ट ने किसी की नियुक्ति की है और उसको लेकर भी इस तरह की चर्चा है. फिर भी हम आपकी अर्जी पर नोटिस जारी करते है. AG को कहा कि आओ जवाब दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट समिति के सदस्यों को बदलने की अर्जी पर अदालत ने नोटिस जारी किया है. साल्वे ने कहा कि आप अपने आदेश में ये साफ कीजिये कि ये कमेटी कोर्ट ने अपने लिए बनाई है. अगर कमेटी के समक्ष कोई पेश भी नहीं होता तो भी कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में देगी. एपी सिंह ने कहा कि कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व रिटायर्ड जज को शामिल किया जाए.
कानून अभी लागू नहीं हैं
CJI ने भूषण से कहा कि आप इस समस्या का समाधान भी देखें. आप अपने मुवक्किल को शांति बनाए रखने का कहें. CJI ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले का समाधान निकले. भूषण ने कहा कि ये कानून बिना किसी चर्चा के पारित हो गया. CJI ने कहा कि हम इस पर कुछ नहीं कहेंगे. न्यायालय द्वारा इसे होल्ड कर लिया गया है, इसलिए अभी कुछ भी लागू नहीं है.
सीजेआई ने कहा- हम आपसे दृष्टिकोण बदलने का अनुरोध कर रहे हैं
भूषण ने कहा कि मान लीजिए की कोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए बाद में कहता है कि कानून सही है और अपना आदेश वापस लेता है तो फिर क्या होगा?CJI ने कहा कि हम कैसे कह सकते है हम प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है. हां ये हो सकता है कि अगर हम अपना आदेश वापस लेते हैं तो आप प्रदर्शन फिर से शुरू कर सकते है. CJI ने आगे कहा कि
हम आपसे अपना दृष्टिकोण बदलने का अनुरोध कर रहे है