प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने की घोषणा पर केंद्र सरकार ने एक ही दिन में यू-टर्न ले लिया है| बता दें कि मोदी सरकार ने कल देर रात आम आदमी को झटका देते हुए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में भारी कटौती कर डाली, लेकिन आज सरकार ने इसको वापस ले लिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि आदेश को वापस ले लिया जाएगा। पहले नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या एनएससी और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड या पीपीएफ से मिलने वाली स्कीमों पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की गई थी, जिससे करोड़ों जमाकर्ताओं को नुकसान होना था
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 1, 2021
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman) ने आज सुबह ट्वीट किया, “भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं। ओवरसाइट द्वारा जारी किए गए आदेश वापस ले लिए जाएंगे।”
बता दें कि बुधवार को कई छोटी बचत योजनाओं और छोटी डिपॉजिट्स पर जून तिमाही के लिए ब्याज दरों को लेकर घोषणा की गई थी| इस घोषणा के तहत छोटी जमाओं पर भी वार्षिक ब्याज दर 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी किया गया था| पर्सनल प्रोविडेंट फंड यानी PPF की ब्याज दर भी 7.1 से कम करके 6.4 प्रतिशत वार्षिक कर दिया गया था| एक साल की अवधि के जमा पर ब्याज दर को 5.5% से काम करके 4.4% कर दिया गया था, वहीं सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के तहत ब्याज दर 7.4% से कम करके 6.5% कम दिया गया था|
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर हर तिमाही में संशोधित की जाती है। इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बड़े अंतर से कमी की गई थी।
हालांकि, वित्त मंत्रालय का ताजा आदेश बचतकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जो मुख्य रूप से नियमित आय अर्जित करने के लिए इन योजनाओं से ब्याज आय पर निर्भर हैं।