
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल के लोकार्पण से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना साकार हुआ है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है जिन्होंने हमेशा हिमाचल प्रदेश और यहां के लोगों के प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाया है और इस सुरंग को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि यद्यपि एक छोटा पहाड़ी राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने देश के कई बड़े राज्यों का मार्गदर्शन किया है। देवभूमि होने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कारगिल युद्ध के लिए मिले कुल चार परमवीर चक्र में से दो हिमाचल के बहादुर सैनिकों को प्रदान किए गए थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहतांग में अटल टनल के आरम्भ होने से लाहौल घाटी में पर्यटन, कृषि और बागवानी गतिविधियों को एक नई दिशा मिलेगी क्योंकि अभी तक यहां पर्यटन का मौसम कुछ महीनों तक ही चलता था। सुरंग खुलने से मनमोहक लाहौल घाटी पर्यटकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनेगी क्योंकि इससे मनाली तक पहुंचने में सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इस बड़ी परियोजना को शीघ्र पूरा करने में गहरी रुचि दिखाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया जो न केवल देश की सरहदों की सुरक्षा की दृष्टि से अहम है बल्कि लाहौल स्पिति घाटी के लोगों की आर्थिकी में आशातीत सुधार लाने में भी वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के मिलने से घाटी के किसान अब अपने उत्पाद आसानी से मंडियों तक पहुंचा सकेंगे।
जय राम ठाकुर ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की चुनौतियों जिसमें 587 मीटर का सेरी नाला हिस्सा भी शामिल है और प्रतिकूल मौसम के बावजूद इस सुरंग का निर्माण पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन का धन्यवाद किया।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लै. जनरल हरपाल सिंह ने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय रक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि अटल टनल इस ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लम्बी उच्च मार्ग सुरंग होने के साथ-साथ अन्य कई मायनों में भी अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि सुरंग के प्रत्येक 150 मीटर की दूरी पर आपातकालीन सम्पर्क के लिए दूरभाष की सुविधा, प्रत्येक 60 मीटर में अग्निशमन यंत्र, प्रत्येक 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरों के साथ दुर्घटना की पूर्व सूचना प्रणाली (आॅटो इंसिडेंट डिटैक्शन सिस्टम), हर एक किलोमीटर पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी, प्रत्येक 25 मीटर पर प्रकाश एवं निकासी संकेत तथा प्रत्येक 60 मीटर की दूरी पर कैमरे और पूरी सुरंग में प्रसार प्रणाली की सुविधा उपलब्ध है।
केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, सांसद रामस्वरूप शर्मा, रक्षा प्रमुख विपिन रावत, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुन्द नरवणे, रक्षा सचिव डा. अजय कुमार, पश्चिमी कमान के लै. जनरल आर.पी. सिंह, हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची, पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी.शर्मा, सचिव (सामान्य प्रशासन) देवेश कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे