प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और कृषि जैसे तीन प्रमुख क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा खर्च किया जाएगा
बजट में बिना कर लगाए वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रयास किए गए हैं
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का कहना है कि इस बार का बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देगा। यह सब अचानक नहीं हुआ है बल्कि यह सोच भारतीय मानस में पिछले तीस वर्षों से कहीं न कहीं काम कर रही थी। श्रीमती सीतारामन आज यहां उद्योग संगठन “फिक्की” की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहीं थीं।
वित्त मंत्री ने कहा कि खर्च के लिए बहुत ज्यादा पैसों की आवश्यकता होने के बावजूद बजट में इस तरह से वित्तीय संसाधन जुटाने के प्रयास किए गए हैं जो करों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा “यह एक ऐसा बजट है जिसमें बिना करों के वित्तीय संसाधन जुटाने की कोशिश की गई है। बजट में दिशात्मक परिवर्तन अपने आप में इतना विशिष्ट है जो ऐसी उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा जिसका प्रदर्शन सही अवसर पर मिलने पर देशवासी अक्सर करते हैं”।
वित्त मंत्री ने कहा, “मैं यह जोकर देकर कहना चाहती हूं कि हमने समाज के किसी भी वर्ग पर एक रुपए का भी अतिरिक्त बोझ नहीं डाला”। उन्होंने कहा ” हमें इस बात का भरोसा है कि इस वर्ष से राजस्व संग्रह में सुधार होगा और सरकार केवल अपनी परिसंपत्तियों में विनिवेश के माध्यम से ही नहीं बल्कि कई अन्य तरीकों से भी गैर कर राजस्व जुटाने का प्रयास करेगी”।
श्रीमती सीतारामन ने उद्योग जगत से अनुरोध किया कि वह भी निवेश करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा “मुझे उम्मीद है कि उद्योग जगत उस भावना को समझेगा जिसके साथ बजट लाया गया है। इसलिए आप सभी को इस काम में हाथ बंटाने के लिए आगे आना चाहिए”। उन्होंने कहा कि अपने सभी कर्ज और देनदारियों से मुक्त हो चुके उद्योगों को अब निवेश करने और अपना कारोबार बढ़ाने की स्थिति में आ जाना चाहिंए और उनसे ऐसा संकेत मिलना चाहिए कि जरुरी प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए आगे वेकिसी भी तरह के संयुक्त उपक्रम लगा सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तत्काल प्रोत्साहन देने के लिए सरकार सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और कृषि पर ज्यादा खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि “सरकार भले ही पैसों से भरा बैग ले आए तो भी वह विकसित होते आकांक्षी भारत की सारी जरुरतें अकेले पूरा नहीं कर सकती”।
विकास वित्तीय संस्थान स्थापित करने का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एक ऐसा संस्थान बनाएगी जिसके जरिए लंबी अवधि की अवसंरचना निर्माण परियोजनाओं के लिए कर्ज की व्यवस्था की जा सके। यह पूरी तरह से बाजार के अनुरूप होगा और इससे दक्षता आएगी।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार ने इस बार बजट में एक विश्वसनीय और पारदर्शी लेखा विवरण दिया है। इसमें न तो कुछ छुपाया गया है और न ही किसी तरह की लीपा-पोती की गई है। यह सरकारी वित्त के साथ ही घोषित आर्थिक सुधारों और प्रोत्साहन पैकेजों के बारे में जानकारी देने का एक ईमानदार प्रयास है। इसने यह साफ कर दिया है कि सरकार किसी तरह की आशंका से घिरी नहीं बैठी है, बल्कि भारतीय उद्योगों और व्यापार जगत पर पूरा भरोसा करते हुए आगे बढ़ रही है।
वित्त सचिव डा. अजय भूषण पांडे, आर्थिक मामलों के सचिव श्री तरुण बजाजतथा निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव श्री तुहिन कांत पांडे सहित कई लोगों ने भी इस अवसर पर फिक्की के सदस्यों को संबोधित किया।
फिक्की के अध्यक्ष श्री उदय शंकर ने कहा कि इस बजट का सबसे संतोषजनक पहलू यह है कि इसमें करों को लेकर कोई बहुत अधिक बदलाव नहीं किए गए। यह नीति को लेकर निश्चितंता और निवेशकों में भरोसा कायम करती है। बजट में नियमों के आसान अनुपालन और फेसलेस टैक्स असेसमेंट की व्यवस्था के माध्यम से देश में कारोबारी सुगमता की दिशा में सरकारी प्रयासों को जारी रखा गया है। इससे करदाताओं को बड़ी राहत मिली है। इससे दीर्घ अवधि में देश में कर आधार का दायरा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के समापन पर फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री संजीव मेहता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।