प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
संसद के मानसून सत्र के छठ दिन भी विपक्षी दलों का बवाल लगातार जारी है। दरअसल, मणिपुर को लेकर विपक्षी दल लगातार चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों की मांग यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में मणिपुर को लेकर बयान देना चाहिए। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि पीएम मोदी अभी तक मणिपुर पर बयान दें से भाग रहे हैं।
इसी के चलते विपक्षी दलों के नेता आज संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी दलों के द्वारा दोनों ही सदनों में भारी हंगामा और शोरगुल आज भी जारी रहा।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन चल रहा है, हम मांग कर रहे हैं कि PM वहां आएं और बयान दें लेकिन वे राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं और चुनाव की बात कर रहे हैं। जब वे वहां जा सकते हैं तो क्या आधे घंटे के लिए सदन में आकर बयान नहीं दे सकते? इसका मतलब है कि लोकतंत्र में उनकी कोई रुचि नहीं है, कोई विश्वास नहीं है। वे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा नहीं करना चाहते, वे संसद का अपमान कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “आज INDIA गठबंधन के सांसदों ने फैसला किया है कि मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचार और वहां हो रही बर्बरता का विरोध करने के लिए हम काले कपड़े पहनेंगे और संसद में जाएंगे। यह एक प्रतीकात्मक विरोध होगा जो यह संदेश देगा कि दुख की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं” उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। सांसद राघव चड्ढा ने कहा, हम सरकार को यह अहसास कराने की कोशिश करेंगे कि इस देश का अभिन्न अंग मणिपुर जल रहा है। हम सरकार से मणिपुर को बचाने और अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाने का आग्रह करते हैं। तत्कालीन राज्य सरकार को भंग कर देना चाहिए और मुख्यमंत्री को अनौपचारिक रूप से बर्खास्त कर देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि वे पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ काले कपड़े पहन रहे हैं।
गोगोई ने कहा, “हमारे काले कपड़े पीएम के अहंकार के खिलाफ हैं. जब देश जल रहा है और मणिपुर विभाजित है, तो उन्हें केवल अपनी छवि की चिंता है।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हर राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की कड़ी निंदा की जाती है, मणिपुर में जो हुआ वह भयानक है. वहां 55 हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं, 149 लोगों की जान चली गई है। यह कोई छोटी समस्या नहीं है। आप अन्य राज्यों के बारे में भी बात कर सकते हैं, लेकिन वहां ऐसी कोई स्थिति नहीं है…काले कपड़े पहनने के पीछे विचार यह है कि देश में अंधेरा है तो हमारे कपड़ों में भी अंधेरा होना चाहिए। ”
भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) के सभी संसद सदस्य गुरुवार को मणिपुर की स्थिति पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संसद में काले कपड़े पहन कर पहुंचे।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की तरफ से ये बात आ रही है कि अर्थव्यवस्था में हम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे। क्या अर्थव्यवस्था में 1 नंबर पर पहुंचने से देश में नारियों और बेटियों का ये सम्मान होगा? उन्होंने आगे पूछा, “मणिपुर की घटना ने सबको बात करने के लिए मजबूर किया है, इसके लिए सदन से बेहतर कौन सी जगह है?…वहां क्या-क्या हो रहा है सब सरकार को पता होगा, अगर सब पता होते हुए सरकार ने सब देखा है तो सरकार को सत्ता में नहीं रहना चाहिए।”