Arvind Kejriwal Supreme Court Hearing: दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मांगी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल लोकसभा चुनाव के शेष चरणों के दौरान प्रचार कर पाएंगे या नहीं, यह कार्यवाही के नतीजे पर निर्भर करेगा। आज हुई सुनवाई में केजरीवाल की ओर से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) पेश हुए। जबकि ईडी (ED) की ओर से ASG राजू (Additional Solicitor General SV Raju) ने दलीलें दी। अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित
बता दें कि शीर्ष अदालत ने तीन मई को कहा था कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकती है। मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणियां की। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बात रखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 और चुनाव प्रचार का विशेष तौर पर जिक्र किया। आइए जानते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को लेकर क्या टिप्पणियां की?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि…
- अरविंद केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं।
- अरविंद केजरीवाल जनता द्वारा चुने गए अपराधी हैं।
- लोकसभा चुनाव 6 महीने में होने वाली फसल नहीं है।
- 5 साल में एक बार लोकसभा चुनाव होते हैं।
- केजरीवाल के चुनाव प्रचार करने पर कोई दिक्कत नहीं है।
- यह केस दूसरे केसों से अलग है। यहां परिस्थिति सामान्य भी नहीं है।
- केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और चुनाव का मौसम चल रहा है।
- केजरीवाल के खिलाफ कोई और केस भी दर्ज नहीं है।
Delhi Excise Policy case | Enforcement Directorate (ED) tells Supreme Court that Arvind Kejriwal stayed at 7 star Grand Hyatt hotel during 2022 Goa Assembly election and its bill was paid by Chanpreet Singh, who allegedly accepted cash funds for AAP’s campaign.
ED tells Supreme… pic.twitter.com/2WCudxohs0
— ANI (@ANI) May 7, 2024
Arvind Kejriwal Supreme Court Hearing के कुछ अंश
एसजी: एक राजनेता होने के कारण उन्हें रिहा करना सही मिसाल नहीं है. उन्होंने बिना पोर्टफोलियो वाला मुख्यमंत्री बनना चुना और ऐसा कुछ लोगों को समायोजित करने के लिए किया गया है. यदि जमानत की अनुमति दी जाती है, तो क्या याचिका की अनुमति होने पर यह अपरिवर्तनीय नहीं होगा?
– जस्टिस खन्ना: नहीं, नहीं, अपरिवर्तनीय नहीं होगा.
-SG मेहता: जिन फैसलों का हवाला दिया जा रहा है वो सभी अंतिम आदेश थे. उनका कहना है कि यह मेरा मौलिक अधिकार है… लेकिन भोजन का अधिकार भी मौलिक अधिकार है. बड़ी संख्या में लोग जेल में सड़ रहे हैं. क्या आम आदमी का अधिकार कम है?
-SG: कई फैसले हैं, जिसमें जमानत देते हुए अदालत ने राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने को मना किया है. अरविंद गंभीर मामले में आरोपी है.
-SG: RP एक्ट कहता है की राइट टू वोट भी निलंबित हो जाता है, अगर आप न्यायिक हिरासत में रहते है तो.
– सिंघवी: मैं रोज 10 फाइल पर हस्ताक्षर करता हूं.
– सॉलिसिटर जनरल: अरविंद कोई फाइल नहीं करते है.
– अभिषेक मनु सिंघवी: मैं एक बयान दूंगा कि वह किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, इस शर्त के साथ कि एलजी इस आधार पर कोई काम नहीं रोकेंगे कि मैंने किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
– जस्टिस दत्ता – हम सिर्फ चुनाव के लिए अंतरिम बेल पर विचार कर रहे हैं. अगर चुनाव ना होते तो हम फैसला रिजर्व करते. हम केस की सुनवाई पूरी कर छुट्टियों से पहले फैसला नहीं दे सकते.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आपको चुनाव को लेकर अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर रहे थे. लेकिन अगर आप मुख्य मुद्दे पर बहस करना चाहते है, तो आप करें. आज केवल 2.30 तक ही बेंच बैठी है. फिर मामले की सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद करेंगे.
-जस्टिस खन्ना: हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगर हम आपको अंतरिम जमानत पर रिहा करते हैं, तो हम नहीं चाहते कि आप आधिकारिक कर्तव्य निभाएं.
-सुप्रीम कोर्ट, अगर हम आपको अंतरिम जमानत देते हैं और आप मुख्यमंत्री के तौर पर ऑफिशियल ड्यूटी करते है तो ये कनफ्लिक्ट हो.
-जस्टिस खन्ना ने कहा, हम इस केस को तुरंत डिसाइड नहीं कर सकते. नेशनल चुनाव हर पांच साल बाद आते हैं. ये कोई फसल नहीं है, जो हर 6 महीने बाद बोई जाती हो. ये पूरी तरह अलग मामला है.
-सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत की सुनवाई का विरोध किया. उन्होंने कहा, कि उनके साथ आम आदमी की तरह बर्ताव हो. चुनाव में कैंपेन क्या ज्यादा जरूरी है. देश की जेलों में पांच हजार नेता बंद होंगे.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि चुनाव का मौसम है… ये असाधारण स्थिति है, वो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. इनके खिलाफ कोई केस नहीं हैं.
-सॉलिसिटर जनरल ने कहा- अगर एक किसान को अपने खेत की देखभाल करनी है और एक किराना दुकान के मालिक को अपनी दुकान पर जाना है, तो एक मुख्यमंत्री को आम आदमी से अलग कैसे माना जा सकता है? क्या हम राजनेताओं के एक वर्ग के लिए ए वर्ग के रूप में एक अपवाद बना रहे हैं. क्या चुनाव प्रचार उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण होगा जो किराना दुकान चलाना चाहता है.
– जस्टिस खन्ना ने राजू से कहा, सारी सामग्री देखनी होगी. गिरफ्तारी के मानक बहुत ऊंचे हैं. आप विजय मदनलाल फैसले के विपरीत जा रहे हैं. IO को गिरफ्तारी करने से पहले विधायी उद्देश्य का पालन करना होगा.
– ED के वकील ने कोर्ट में कहा- ये पॉलिटिकली मोटिवेटिड केस नहीं है. हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं.
– जस्टिस खन्ना ने ईडी से पूछा कि क्या राजनीतिक कार्यकारिणी भी नीति बनाने में शामिल थी? हमारी चर्चा का दायरा ईडी की धारा 19 के कार्यान्वयन तक है. क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी में धारा 19 के प्रावधानों का पालन किया गया या नहीं! बस!! आप इस बारे में कोर्ट को बताएं!
– ASG राजू ने कहा, हमारे पास गोवा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल के होटल खर्च का सबूत है. यह एक 7 सितारा भव्य होटल था. गोवा में ग्रैंड हयात और बिल का भुगतान उद्यमियों द्वारा किया गया था. हमारे पास इस आशय के दस्तावेजी सबूत हैं.
– जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा- बयानों में केजरीवाल का नाम पहली बार कब लिया गया?
– ASG राजू : 23.02.2023 बुची बाबू के बयान में आया. हालांकि, उन्होंने कहा कि किसी को यह मानने की ज़रूरत नहीं है कि गवाह ने जो कुछ भी IO को बताया है वो सही है. वह जांच एजेंसी को गुमराह कर सकता है. इसलिए, जांच इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि हम पहले आरोपी तक जाएं. इसमें कई बाधाएं हो सकती हैं.
– ASG राजू ने कहा कि हमें पता चला कि अरविंद केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान गोवा में एक 7 सितारा होटल में रुके थे. उनके खर्च का कुछ हिस्सा उस व्यक्ति ने चुकाया था जिसने नकद पैसे लिए थे. यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है. हम दिखा सकते हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ की मांग की.
– ED की ओर से ASG SV राजू बहस शुरू कर रहे हैं… उन्होंने हवाला के 100 करोड़ के लेनदेन के बारे में जानकारी दी.
– जस्टिस खन्ना ने पूछा – आपने कहा था कि 100 करोड़ अपराध की आय है, ये 1100 करोड़ कैसे हो गया ? यह 2 या 3 वर्षों में 1100 करोड़ कैसे हो गई… यह रिटर्न की एक अभूतपूर्व दर होगी.
-एएसजी ने कहा कि 590 करोड़ थोक व्यापारी का मुनाफा है.
-सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, अंतर लगभग 338 करोड़ था, पूरी चीज़ अपराध की आय नहीं हो सकती.
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