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Qatar Navy Men Case: बड़ी राहत ! मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को अब नहीं मिलेगी फांसी

Qatar Navy Men Case: बड़ी राहत ! मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को अब नहीं मिलेगी फांसी

प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
Qatar Navy Men Case:
कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को बहुत बड़ी राहत मिली है। भारत सरकार (Indian Government) की तरफ से अपील करने के बाद इन लोगों की मौत की सजा पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि पिछले साल गिरफ्तार किए गए इन 8 भारतीयों को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार ने हैरानी जताई थी। नौसेना के ये सभी आठ पूर्व ऑफिसर पिछले साल अगस्त से ही कतर के जेल में बंद हैं।

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गौरतलब है कि नौसेना के इन 8 पूर्व अधिकारियों पर 25 मार्च को आरोप तय किए गए और 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 9 नवंबर को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत सरकार ने इस सजा के खिलाफ अपील दायर की, जिसे वहां की अदालत ने मंजूर कर लिया था। अल-दहरा नाम की कंपनी में काम करने वाले इन 8 भारतीयों को कथित जासूसी (Qatar Navy Men Case) के आरोप में पिछले साल अगस्त के महीने में गिरफ्तार किया गया था।


भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) इस मामले पर बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है, “दहरा ग्लोबल केस में गिरफ्तार पूर्व नेवी ऑफिसर को लेकर आए आज के उस फैसले पर हमने गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं. कतर के कोर्ट ऑफ अपील के विस्तृत फैसले की हम प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा हमारा अगला कदम क्या होगा, इस पर भी निर्णय लेने के लिए हम कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ भी संपर्क में हैं। ”

कौन हैं भारतीय नौसेना के वो आठ पूर्व कर्मी (Qatar Navy Men Case)

कथित जासूसी के आरोप में कतर की जेल में बंद 8 भारतीय- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश गोपाकुमार हैं। उलेखनीय है कि कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी शामिल हैं। इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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