प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
केंद्र सरकार ने “One Nation-One Election” की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। वहीं इस मामले को लेकर विपक्षी दलों के कुछ नेता एकमत नहीं हो पा रहे हैं इस मुद्दे पर विपक्षी नेता मोदी सरकार पर हमलावर है।
राहुल ने ट्वीट कर किया हमला
Rahul Gandhi On One Nation-One Election: इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि एक देश-एक चुनाव का विचार भारतीय संघ और इसके सभी राज्यों पर हमला है। राहुल गांधी ने कहा, ‘इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ है। ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार संघीय देश और इसके सभी राज्यों पर हमला है।
INDIA, that is Bharat, is a Union of States.
The idea of ‘one nation, one election’ is an attack on the 🇮🇳 Union and all its States.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2023
बता दें कि सरकार ने “एक देश-एक चुनाव’ की समिति की अधिसूचना विधि एवं न्याय मंत्रालय ने जारी कर दी गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आठ सदस्यीय इस समिति के अध्यक्ष होंगे। गृह मंत्री अमित शाह, लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समिति में सदस्य होंगे। इसके अलावा ‘एक देश एक चुनाव’ की समिति में गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को सदस्य बनाया गया है।
अधीर रंजन का इंकार
हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने पैनल में काम करने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि एक देश-एक चुनाव का विचार एक धोखा है। उन्होंने गृह मंत्री शाह को चिट्ठी लिखकर समिति में काम करने से इंकार कर दिया है।
“एक राष्ट्र, एक चुनाव” की संभावना तलाशने की इस चर्चा ने लोकसभा चुनाव को तय समय से पहले कराने की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। इसे हरी झंडी मिलने पर कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी One Nation-One Election के प्रबल समर्थक
पीएम नरेंद्र मोदी साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से बार-बार चुनाव होने से पड़ने वाले वित्तीय बोझ और चुनाव के दौरान विकास कार्य रुकने का हवाला देते हुए, स्थानीय निकायों समेत देश में सभी चुनाव एक साथ कराने के विचार के प्रबल समर्थक रहे हैं। अब जबकि मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। ऐसे में सरकार का विचार है कि अब इस मुद्दे को लंबा नहीं खींचा जा सकता। सरकार की कोशिशों से आम चुनाव भी कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ कराने की संभावना बन रही है।
कई राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि देश में पांच राज्यों- मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान में इसी वर्ष नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव होने हैं। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश विधानसभाओं के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होने हैं।
देश में 1967 तक एक साथ हुए (One Nation-One Election) चुनाव
देश में 1967 तक राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव होते रहे। हालांकि, 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिया गया और उसके बाद 1970 में लोकसभा को भंग कर दिया गया। इससे देश और राज्यों के लिए चुनावी कार्यक्रम में बदलाव करना
पड़ा।
आयोजित होगा संसद का विशेष सत्र हो सकती है One Nation-One Election पर चर्चा
संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित होने वाला है। सरकार ने इस सत्र का एजेंडा जारी नहीं किया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि (One Nation-One Election) पर विशेष चर्चा हो। यह विशेष सत्र 17वीं लोकसभा की आखिरी बैठक हो सकती है और आम चुनाव पहले कराए जा सकते हैं। हो सकता है की सदन में इसको लेकर चर्चा भी हो। खबरों की मने तो संसद के ‘विशेष सत्र’ के दौरान सांसदों की सामूहिक तस्वीर लेने की भी व्यवस्था की जा रही है। इससे अटकलों का एक और दौर शुरू हो गया है।