प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
New Election Commissioners Announced: ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू देश के दो नए चुनाव आयुक्त होंगे। आज पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन दोनों नामों पर सहमति बन गई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इन नामों की जानकारी दी है।
ज्ञानेश 1988 बैच के केरल कैडर के अधिकारी रहे हैं। जबकि सुखबीर सिंह संधू भी पूर्व IAS अधिकारी हैं। वह 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं। बता दें कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयुक्त का एक और पद खाली हो गया था जबकि एक स्थान पहले से ही खाली था।
क्यों हुईं नई नियुक्तियां
निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं। इनमें से एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे। वहीं, दूसरे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने बीती 8 मार्च को अचानक इस्तीफा दे दिया था। गोयल को 21 नवंबर 2022 को यह पद दिया गया था। उनका कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था। लेकिन, उन्होंने इससे पहले ही इस्तीफा देने का फैसला कर लिया।
जानिए कौन हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। वो कुछ दिन पहले ही सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए हैं। इस मंत्रालय के गठन के वक्त से ही ज्ञानेश ने यहां काम किया था। इससे पहले वह गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के संयुक्त सचिव थे। उस दौरान ही जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किया गया था। ज्ञानेश 1988 बैच के केरल कैडर के अधिकारी रहे हैं।
जानिए कौन हैं सुखबीर सिंह संधू
दूसरे चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू भी पूर्व IAS अधिकारी हैं। वह 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं। संधू को 2021 में जब पुष्कर सिंह धामी सीएम बने थे तो राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।
#WATCH | Gyanesh Kumar from Kerala and Sukhbir Singh Sandhu from Punjab selected as election commissioners, says Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury. pic.twitter.com/FBF1q44yuG
— ANI (@ANI) March 14, 2024
चुनाव आयुक्त चुनने वाली समिति की बैठक के बाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनके (सरकार) पास समिति में बहुमत है। पहले, उन्होंने मुझे 212 नाम दिए थे, लेकिन नियुक्ति से 10 मिनट पहले उन्होंने मुझे सिर्फ छह नाम दिए। मुझे पता है कि मुख्य न्यायाधीश (CJI) वहां नहीं है, सरकार ने ऐसा कानून बना दिया है कि CJI दखल नहीं दे सकता और केंद्र सरकार अपनी पसंद का नाम चुन सकती है। मैं यह नहीं कह रहा कि यह मनमाना है, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं।
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव कुमार की मदद करने के लिए दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्त को लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। अधीर रंजन चौधरी को भी इस समिति का सदस्य बनाया गया था। आज हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे।
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