प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
Qatar Navy Men Case : कतर ने कथित जासूसी के आरोप में खाड़ी देश में हिरासत में लिए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिसका भारत ने स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय नई दिल्ली ने कहा कि आठ में से सात भारतीय नागरिक स्वदेश लौट आए हैं। यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत हैं
#WATCH | Delhi: Qatar released the eight Indian ex-Navy veterans who were in its custody; seven of them have returned to India. pic.twitter.com/yuYVx5N8zR
— ANI (@ANI) February 12, 2024
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने आज सुबह जारी एक बयान में इस घटनाक्रम का स्वागत किया और कहा कि एक निजी कंपनी अल दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से सात कतर से भारत लौट आए। मंत्रालय ने आगे कहा, ‘हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी सुनिश्चित करवाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं। ‘
परिजनों ने लगाई थी रिहाई की गुहार
दरअसल, आठों भारतीयों की रिहाई के लिए कतर और भारत के बीच राजनयिक वार्ता चल रही थी। इसका नतीजा ये हुआ कि नौसैनिकों की मौत की सजा को बढ़ी हुई जेल की सजा में बदल दिया गया। जेल में रहने की अवधि और भी ज्यादा छोटी गई, जब भारतीयों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय से उनकी रिहाई के लिए गुहार लगाई। परिजनों की परेशानी को समझते हुए मंत्रालय ने सभी कानूनी उपायों और कूटनीतिक रास्तों के जरिए उन्हें रिहा करवा लिया है।
किस केस में कैद थे पूर्व नौसैनिक?
कतर की जेल में कैद रहने वाले आठों भारतीय पहले नौसैना में काम करते थे। इनके ऊपर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था, जिसके बाद आठों को गिरफ्तार किया। ये लोग अक्टूबर, 2022 से ही कतर की जेल में बंद थे। कतर की अदालत ने आठों भारतीयों को जासूसी का दोषी भी पाया, जिसके बाद इन्हें मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, अदालत के फैसले में इन्हें किस चीज का दोषी पाया गया, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
विदेश मंत्रालय ने अदालत के फैसले को काफी हैरानी भरा बताया था। मंत्रालय ने कहा था कि वे भारतीयों के खिलाफ लगे आरोपों से उन्हें मुक्त करवाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे।
इस केस में बड़ी हलचल तब हुई, जब पिछले साल कतर की अदालत ने भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को कम कर दिया। पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा को जेल में बिताए जाने वाले वर्षों के रूप में बदल दिया गया। बता दें कि 25 मार्च, 2023 को भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोप दायर किए गए और उन पर कतरी कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था।
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