हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रणौत अपने एक बयान से मुश्किलों में घिर गई हैं। किसानों को लेकर दिए उनके आपत्तिजनक बयान पर जहां खुद उनकी ही पार्टी ने किनारा कर लिया है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष की सबसे प्रमुख पार्टी कांग्रेस भी लगातार हमलावर है। कंगना के बयान पर अब सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बयान भी सामने आ गया है।
राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल से लिखा कि किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है। कंगना रणौत का नाम लिए बिना राहुल ने इसे किसानों का घोर अपमान बताया।
क्या बोले नेता विपक्ष राहुल गांधी
रायबरेली सांसद राहुल गांधी ने कंगना का नाम लिए बगैर हमला करते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से लिखा ” किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है।
378 दिन चले मैराथन संघर्ष के दौरान 700 साथियों का बलिदान देने वाले किसानों को भाजपा सांसद द्वारा बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना भाजपा की किसान विरोधी नीति और नीयत का एक और सबूत है।
ये शर्मनाक किसान विरोधी बोल पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
किसान आंदोलन वापस लेते समय बनी सरकारी समिति आज भी ठंडे बस्ते में है, MSP पर सरकार अपना रूख आज तक साफ नहीं कर सकी, शहीद किसानों के परिवारों को किसी तरह की राहत नहीं दी गयी और ऊपर से लगातार उनका चरित्र हनन जारी है।
अन्नदाताओं का निरादर और उनके मान सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छुप नहीं सकता।
नरेंद्र मोदी और भाजपा कितनी भी साजिश कर लें – INDIA किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दिलवा कर रहेगा।”
क्या थे कंगना रणौत के विवादित बोल:
दरअसल एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रणौत ने एक बातचीत के दौरान कहा कि अगर देश में एक मजबूत सरकार न होती तो देश में भी बांग्लादेश जैसे हालात हो सकते थे। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से किसान बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में बैठे थे, आगे चलकर हालत पड़ोसी मुल्क जैसी हो सकती थी।सभी ने देखा कि किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ। प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाई गई। वहां रेप हो रहे थे, लोगों को मारकर लटकाया जा रहा था। केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को सही ठहराते हुए कंगना ने कहा कि जब बिल को वापस लिया गया तो सभी उपद्रवी चौंक गए. क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी।
कंगना के इस बयान पर हड़कंप मचते ही भारतीय जनता पार्टी ने कंगना रणौत के स्टेटमेंट से खुद को अलग कर लिया और एक पत्र जारी कर चेतावनी भी दी।
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