प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक में किसी तरह के ब्याज दरों में बदलाव से इनकार कर दिया है| कमेटी ने रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार रखा है| बजट पेश होने के बाद MPC की यह पहली बैठक थी| बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है|
गवर्नर ने कहा, ‘महंगाई दर अनुमान से बेहतर स्थिति में है और इकोनॉमी में तेज रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। इसके साथ ही ग्रोथ में तेजी से सुधार दिख रहा है और ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री डिमांड घटी है। वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 10.5 रहने का अनुमान है।’
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘उपभोक्ता विश्वास पुनर्जीवित हो रहा है और विनिर्माण, सेवाओं व बुनियादी ढांचे की व्यावसायिक उम्मीदें बरकरार हैं। माल और लोगों की आवाजाही व घरेलू व्यापारिक गतिविधियां तेज गति से बढ़ रही हैं। वर्ष 2020 तक हमारी क्षमताओं और धीरज का परीक्षण किया गया। 2021 हमारे इतिहास के पाठ्यक्रम में एक नए आर्थिक युग के लिए मंच निर्धारित कर रहा है।’
RBI को उम्मीद है कि 2021-22 के लिए GDP विकास दर 10.5% होगी। गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति 4% के सहिष्णुता बैंड में लौट आई है, जबकि आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार के निवेश उन्मुख उत्तेजना परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि बजट में स्वास्थ्य और इन्फ्रा सेक्टर को प्रोत्साहन दिया गया है।
हाल के बजट ने विकास दर का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित किया है और इस तरह सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य और सकल उधार से अधिक की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष के लिए 12 लाख करोड़ रुपये और अगले 2 महीनों में 80000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अपेक्षा की है।