Manish Gaekwad Books: शूलिनी यूनिवर्सिटी में आयोजित शूलिनी लिटरेचर फेस्टिवल में जब मनीष गायकवाड़ ने अपनी माँ की जीवनी पर चर्चा की, तो पूरा माहौल भावुकता से भर गया। अपनी माँ रेखाबाई की कहानी लिखना उनके लिए सिर्फ एक साहित्यिक प्रयास नहीं था, बल्कि यह उनके जीवन का सबसे कठिन और संवेदनशील सफर भी था। अपने सत्र के बाद, उन्होंने मीडिया से बातचीत की, जहाँ उन्होंने अपने बचपन की यादों और अनुभवों को साझा किया।


जब मनीष ने अपनी माँ की कहानी को शब्दों में पिरोया, तो यह सिर्फ उनके जीवन का दस्तावेज़ नहीं था, बल्कि यह समाज के उस हिस्से का आईना भी था, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। “मेरी माँ चाहती थीं कि उनकी कहानी लोगों तक पहुँचे ताकि कोई और उनकी तरह मजबूर न हो,” उन्होंने कहा। यह कहानी उमराव जान की तरह महज़ एक करुण कथा नहीं है, बल्कि यह एक सशक्तिकरण की कहानी है।
मनीष खुद भी एक कठिन सफर से गुज़रे। उन्होंने दार्जिलिंग के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन कोठे से जुड़े कलंक के कारण उन्हें समाज में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। “बचपन में लोग ताने मारते थे, लेकिन मैंने सीखा कि अगर आपको आगे बढ़ना है, तो इन आवाज़ों को अनसुना करना होगा,” उन्होंने कहा। शिक्षा ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और वे एक पत्रकार बने।
पत्रकारिता से फिल्मों तक का उनका सफर भी प्रेरणादायक रहा। उन्होंने वेब सीरीज और फिल्म लेखन में हाथ आज़माया, जहाँ उन्हें इम्तियाज़ अली के साथ काम करने का मौका मिला। उनकी आने वाली किताब एक ऐसे लड़के की कहानी है, जो कोठे पर बड़ा होता है। “हमने हमेशा कोठे की महिलाओं की कहानियाँ सुनी हैं, लेकिन वहाँ के लड़कों का क्या होता है? यही मैं बताने की कोशिश कर रहा हूँ,” उन्होंने बताया।
जब उनसे पूछा गया कि वे खुद को अगले पाँच सालों में कहाँ देखते हैं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “जिंदा दिल!” यह जवाब उनकी जिंदादिली और संघर्षशीलता को दर्शाता है।
मनीष गायकवाड़ की यह कहानी सिर्फ उनकी माँ की जीवनी नहीं, बल्कि समाज के उन अनछुए पहलुओं को रोशनी में लाने का एक प्रयास है, जिसे जानना और समझना बहुत ज़रूरी है।
उल्लेखनीय है कि मनीष गायकवाड़ एक पत्रकार, उपन्यासकार और पटकथा लेखक हैं। उन्होंने Scroll.in, Mid-Day, और The Hindu जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों के लिए लिखा है। यह उनकी दूसरी पुस्तक है। उनकी पहली किताब, ‘लीन डेज़’, 2018 में हार्पर कॉलिन्स इंडिया द्वारा प्रकाशित हुई थी।
इसके अलावा, मनीष ने नेटफ्लिक्स पर इम्तियाज़ अली के साथ ‘She’ वेब सीरीज लिखी और वर्तमान में रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट में वरिष्ठ स्क्रिप्ट क्रिएटिव के रूप में कार्यरत हैं। वे मुंबई में रहते हैं। उन्होने कहा कि “The Last Courtesan” यह उनकी दूसरी किताब है। उन्होंने बताया कि कोठे का जीवन छोड़ कर वह एक छोटे से घर में रहती थी। उनकी किताब के पुस्तक के विमोचन से कुछ महीनो पहले उनकी मां का निधन हो गया।
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