प्रजासत्ता|
हिमाचल में सरकारें तो बदलती रहती है, लेकिन व्यवस्था वही पुरानी है। सरकार कोई भी आये लेकिन प्रशासनिक रिति-रिवाज पहले जैसे ही हैं। पूर्व की वीरभद्र सरकार के दौरान रिटायर अधिकारियों को पुनर्नियुक्ति व सेवा विस्तार देने पर टायर्ड-रिटायर्ड की सरकार कहने वाली जयराम सरकार भी उन्ही के नक्शेकदम पर चल पड़ी है|
सरकार बनने के बाद से अब तक बहुत से अधिकारियों को सेवा-विस्तार दिया जा चुका है। ताजा मामला बागवानी विभाग के निदेशक पद से 31 मार्च को रिटायर हुए जय प्रकाश शर्मा का है| जिन्हें रिटायरमेंट के आठवें दिन जयराम सरकार ने पुनर्नियुक्ति दे दी है।
बता दें कि कार्मिक विभाग की ओर से वीरवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक जय प्रकाश शर्मा को 30 जून तक निदेशक बागवानी के पद पर फिर से नियुक्ति दी गई है। यह पहली बार है किसी रिटायर्ड अधिकारी को एक हफ्ते से ज्यादा गुजरने के बाद फिर से उसी पद पर नियुक्ति दी गई है, जिससे वह सेवानिवृत्त हुआ हो।
प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने चुनावों में इसे मुद्दा भी बनाया गया था। हालांकि पिछले बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने पुनर्नियुक्ति न करने को लेकर घोषणा की थी, लेकिन अब जयराम सरकार ने भाजपा के ही स्टैंड को दरकिनार कर रिटायर होने के सात दिन बाद एक अधिकारी को पुनर्नियुक्ति दे दी।
पुनर्नियुक्ति की रेवड़ी ऐसा नहीं है कि वर्तमान सरकार द्वारा ही लोगों को बांटी गई हैं। पिछली सरकार ने भी कार्यरत लोगों को इसका लाभ दिया गया है। जैसे ही नई सरकार का गठन हुआ था और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने थे, उन्होंने ऐलान किया कि यह सरकार पिछली सरकारों की तरह नहीं चलेगी और ‘टायर्ड और रिटायर्ड’ लोगों को न तो सेवा विस्तार दिया जाएगा न ही उनकी कहीं और पुनर्नियुक्ति होगी। मगर उस समय भी सरकार ने कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों को नियुक्ति दी थी। और अब दोबारा यही काम हुआ है। यानी सबकुछ पिछली वीरभद्र सिंह सरकार के साथ चल रहा है।