शिमला|
हिमाचल प्रदेश टैक्सी ऑपरेटर यूनियन ने बुधवार को शिमला सचिवालय के बाहर धरना दिया और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाज़ी की। हिमाचल टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राम रत्न शर्मा ने बताया कि कोविड के दौर में टैक्सी ऑपरेटर का काम धन्धा न के बराबर रह चुका है। इसलिए सरकार हिमाचल के टैक्सी ऑप्रेटर को उत्तराखंड की तर्ज़ पर दो साल का टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ़ करे। इसके अलावा 2 साल की परमिट अवधि को यथावत रखा जाए।
उन्होंने बताया कि टैक्सी ऑपरेटरों ने अपना रोज़गार चलाने के लिए जो टैक्सी ख़रीदने को बैंकों से लोन लिए थे बैंक उसके ऊपर ब्याज पर ब्याज़ लगा रहे हैं। वह बैंक की ईएमई देने के लिए तैयार हैं लेकिन ब्याज़ ने उनकी कमर तोड़ दी है इसलिए सरकार इसको माफ़ करवाए। सरकार नई टैक्सियों के लिए परमिट भी जारी करे। क्योंकि घाटे में चल रही एचआरटीसी को जब परमिट दिए जा रहे हैं तो निज़ी ऑपरेटरों को क्यों नही?
उन्होंने ये भी मांग उठाई की सरकार टैक्सी ऑपरेटरों को 5 लाख का ऋण सस्ती ब्याज़ दरों पर उपलब्ध करवाए । इन मांगों को लेकर ऑपरेटर मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में उनके निजी सचिव से मिले और उनको अपनी मांगों से अवगत करवाया।
उन्होंने आरोप भी लगाया की पिछली रत को हमारे साथी कांगड़ा से चले थे उन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया गया| जहाँ 100 रूपए चान की राशी होती थी आज 500 रूपए है| कोरोना को देखते हुए सरकार को कम से कम टेक्सी ऑपरेटरों के टेक्स तो माफ़ कर देने चाहिये थे|