शिमला|
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन अपनी मांगों को लेकर सीटू से जुड़ी आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान सड़क पर लंबा जाम लग गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को अपना प्रदर्शन करने के लिए चौड़ा मैदान जाने को कहा जिससे आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन में सरकार के खिलाफ खासा रोष देखने को मिला।
बता दें कि आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन का कहना है कि सरकार कुछ आंगनवाडी केंद्र बाद कर रही है या ई जगह उनका निजीकरण कर रही है, उसे बर्दास्त नही किया जायेगा। वेदान्ता कम्पनी जो की एक विदेशी कंपनी है उसका नाम बदल कर नन्दघर कर आंगन वाडी केन्द्रों का निजीकरण किया जा रहा है, उसे बंद किया जाए। इसके आलावा आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में सौ फीसदी नियुक्ति, नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विवि की डिग्री को मान्य करना, वरिष्ठता के आधार पर मैट्रिक और स्नातक पास की सुपरवाइजर में भर्ती करने, सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने की मांग और तीस प्रतिशत बजट कटौती के खिलाफ सड़कों पर उतरी हैं।
उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया और आंगनबाड़ी वर्करों को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में आइसीडीएस निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। इससे भविष्य में कर्मियों को रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा। आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मणि तो वह उग्र प्रदर्शन करेंगे।