शिमला|
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग के बाद अब सूबे के आउटसोर्स कर्मचारियों ने स्थायी नीति बनाने के लिए सड़कों पर उतर कर हल्ला बोला है। बुधवार सुबह आउटसोर्स कर्मचारियों ने शिमला पंचायत भवन से चौड़ा मैदान तक रैली निकाली और विधानसभा घेराव के लिए कर्मचारी चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों के प्रदर्शन के कारण चौडा मैदान में नेशनल हाईवे पर यातायात प्रभावित हो गया सैकड़ों कर्मचारी ने पंचायत भवन से विधानसभा तक रैली निकाली।
बता दें कि आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल को मजदूर संगठन सीटू ने समर्थन दिया है। चौड़ा मैदान के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीँ ऑउटसोर्स कर्मचारियों की रैली में भी जोइया मामा शुणदा नहीं का नारा लगा है। ओल्ड पेंशन मामले में कर्मचारियों ने यह नारा लगाया था, जिसकी गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी।
आउटसोर्स कर्मचारी संघ के अनुसार कैबिनेट सब कमेटी ने बीते फरवरी महीने में ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपी थी। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी का एलान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बजट में केवल यह कहा गया कि सभी कर्मचारियों को सैलरी स्लिप दी जाएगी, साथ ही न्यूनतम वेतन 10500 रुपये करने की घोषणा की गई।जबकि २६ हजार न्यूनतम वेतन होना चाहिए।