प्रजासत्ता ब्यूरो |
चुनावी वर्ष में सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में सेवारत 27633 कर्मचारियों को बेशक सरकार ने साधने का प्रयास किया, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने लगी तो एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसको लेकर अब कई बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं।
वहीँ प्रदेश में हुई आउटसोर्स भर्तियों में कथित रूप से 110 फर्जी कंपनियों की ओर से भर्ती करने को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला साधाते हुए हिमाचल आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की नाक के नीचे गलत तरीके से भर्तियां होती रही, लेकिन सरकार को इस बारे में पता नहीं चला। ठाकुर ने कहा कि इससे पहले भी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर सरकार अब तक चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग उठाई है।
सुरजीत ठाकुर ने कहा कि लंबे समय तक फर्जी कंपनियां आउटसोर्स पर भर्तियां करती रही। ऐसा बिना सरकार के शह के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अब नीति बनाने के समय इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर प्रदेश के युवाओं के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 110 फर्जी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को आउटसोर्स पर भर्ती कर वर्षों तक सरकार से करोड़ों रुपए की कमीशन वसूल की है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सरकार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए नीति बनाने लगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती 125 कंपनियों ने की है, इसमें से 15 कंपनियों का रिकॉर्ड मिला है और शेष कंपनियां फर्जी निकली है। इस गंभीर मामले की सरकार जांच कर रही है पता लगाया जा रहा है कि इन फर्जी कंपनियों के मालिक कौन है।