शिमला।
2017 में विक्रमादित्य के लिए उनके पिता स्वर्गिय वीरभद्र सिंह ने अपनी विधानसभा जो उनके पुत्र के लिए उस वक़्त सबसे सुरक्षित थी से उनको पहली बार चुनाव में उतारा था। जहां से विक्रमादित्य ने अपने प्रतिद्वन्दी प्रमोद शर्मा को 4880 मतों से मात देकर विजय हुए थे। उस समय प्रमोद शर्मा उस विधानसभा में बीजेपी के कमजोर उमीदवार माने जा रहे थे।
इस बार बीजेपी ने रवि मेहता को चुनाव में उतारा है। दबी जुवान में इस विधानसभा में भी ‘लोकल’ की बात उठाने लगी है! हमारे सूत्रों के मुताबिक इस बार शिमला ग्रामीण में कई ऐसे घर भी देखे गए इनमें कभी कांग्रेस के झंडे लगते थे इस बार बीजेपी के लगे हैं। शुरू में यह सीट सीधी कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिख रही थी पर चुनाव प्रचार जैसे-जैसे तेज़ हो रहा है मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है।
विक्रमादित्य पहली बार पिता के सहारे के बिना चुनाव में उतरे हैं और बीजेपी ने भी इस बार कैडर को मद्देनजर रखते हुए उमीदवार मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ विक्रमादित्य ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से कहा कि हमारी लड़ाई भाजपा के साथी बल्कि बेरोजगारी के साथ हालांकि इस पर लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखना शुरू किया कि सालों तो इनके पिता जी मुख्यमंत्री रहे हैं तो क्या यह बेरोजगारी 5 वर्षों में हुई है।