शिमला|
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर एट रामपुर की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दोषी को 10 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया है।
प्राप्त जानकरी अनुसार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर (पोक्सो कोर्ट) की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में प्रेम सिंह उर्फ प्रैम्टू, पुत्र जसमेर सिंह को दोषी करार दिया है और आरोपी को 20 साल की सजा के साथ साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मामला वर्ष 2019 का है, जो पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाया और जाहिर किया कि 5 नवंबर 2019 को वह और उसकी पत्नी मनरेगा में काम करने गए थे। शाम करीब 5 बजे जब वे घर लौटे तो उनकी 14 साल की बेटी घर पर नहीं थी। इस पर पिता ने दूसरी बेटी से पीड़िता के बारे में पूछा। तो उसने बताया कि वह अपने दादा के घर गई है, जो अलग रहते थे।
जब पीड़िता को दादा के घर ढूंढ ने पहुंचे तो पता चला कि वह वहां मौजूद नहीं है। जिस पर उसकी तलाश गांव से बाहर की गई, तो एक महिला ने बताया कि उसने उनकी बेटी को जंगल में चिल्लाते हुए सुना है। इसके बाद सभी लोग जंगल गए तो देखा पीड़िता नंगे पांव डरी हुई अवस्था में मौजूद थी। पूछने पर पीड़िता ने बताया कि दोषी प्रेम सिंह जो गांव के रिश्ते से उसका भाई लगता है, उसने उसे जंगल बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया।
जिसके बाद परिवार ने इसकी शिकायत पुलिस में दी। पुलिस ने मामले की जाँच करते हुए आरोपी के खिलाफ़ कोर्ट में चालान पेश किया। मामले की पैरवी के दौरान अदालत में 14 गवाहों के बयान कलमबद्ध किए गए और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सरकार की ओर से इस मुकदमे की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की।