शिमला|
राजधानी शिमला में पानी की दिक्कत लगातार जारी है। हिल्स क्वीन में सप्ताह के अंत में भारी संख्या में सैलानी पहुंचे हैं, लेकिन यहां कई इलाकों में चौथे दिन भी पानी नहीं मिल रहा। हालात ये हो गए हैं कि मंत्रियों के घरों से लेकर स्कूलों, मंदिरों और सरकारी महकमों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति करनी पड़ रही है। कई जगह लोग पानी के लिए बावड़ियों पर रात 11:00 बजे तक लाइनों में लग रहे हैं।
बता दें कि इन दिनों पड़ रही प्रचंड गर्मी के कारण हिमाचल प्रदेश की 9500 में से 750 पेयजल परियोजनाओं में 25 से 30 फीसदी पानी कम हो गया है। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साल 2018 में भी शिमला शहर में भारी पेयजल संकट हो गया था। अब भी हालात वैसे ही बन गए हैं। पेयजल परियोजनाओं से शिमला शहर के लिए पानी की सप्लाई 46 एमएलडी से घटकर 32 एमएलडी पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि बीते एक हफ्ते से जलस्तर लगातार घट रहा है। शहर की दूसरी सबसे बड़ी पेयजल परियोजना गिरि में जलस्तर बहुत गिर गया है। 18 एमएलडी की क्षमता वाली इस परियोजना से अब शहर को 10 से 12 एमएलडी पानी ही मिल रहा है। गुम्मा से भी 24 की जगह 18 तो कोटी बरांडी से पांच की जगह औसतन एक एमएलडी पानी मिल रहा है। पंचायती क्षेत्रों में सप्लाई छठे और सातवें दिन मिल रही है।
वहीँ छोटा शिमला जोन समेत विकासनगर, कैथू और चौड़ा मैदान क्षेत्र के कई इलाकों में रविवार चौथे दिन भी जब पानी नहीं आया तो लोग कपड़े और बर्तन धोने के लिए बावड़ियों और हैंडपंप पर पहुंच गए। लोगों ने पार्षदों से पूछा कि कब पानी आएगा, लेकिन दोनों वार्डों में देर शाम 7:00 बजे तक पानी नहीं आया। लगातार फोन बजने के बाद कई कीमैन ने फोन ही बंद कर दिए।