प्रजासत्ता|
राज्य सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान धर्मशाला में सामान्य आयोग के गठन का भरोसा दिया था। इसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी करके सामान्य आयोग के गठन का ऐलान किया, लेकिन देव भूमि क्षत्रीय संगठन इस आयोग का नाम सवर्ण आयोग और इसे कानूनी रूप देने की मांग पर अड़ हुआ है।
इसी के तहत सवर्ण समाज के लोग आयोग को कानूनी रूप देने की मांग को लेकर शिमला में आज प्रदर्शन कर रागे है। प्रदेश के कोने-कोने से हजारों लोग शिमला पहुँच चुके हैं और कुछ अभी रस्ते में ही फंसे हैं।
दरअसल क्षत्रिय संगठन ने शिमला में चक्का जाम और प्रदेश सचिवालय के बाहर विशाल धरने की चेतावनी दे रखी है। इसके दृष्टिगत DC शिमला ने बीती शाम शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में धारा-144 लगा दी है। इन आदेशों के मुताबिक शिमला शहर में धरना, प्रदर्शन, नारेबाजी, जनसभा करने पर रोक लगा दी गई है। शिमला शहर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। शिमला के शोघी, टूटीकंडी, टुटू, मशोबरा और ढली में वाहनों को रोका जा रहा है।
पुलिस द्वारा शिमला, सिरमौर, सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी में कई जगह चैक-पोस्ट पर गाड़ियों की चैकिंग कीजा रही है और शिमला आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इस धरने में शामिल होने लोग बीती शाम से ही अपने घरों से शिमला के लिए चल पड़े हैं। लिहाजा कई लोगों को बीती रात पुलिस हिरासत में भी ले चुकी है।
वहीँ हिमाचल के अलग-अलग क्षेत्रों में पुलिस और सवर्ण आयोग के गठन की मांग कर रहे सवर्ण समाज के लोगों के बीच बीती रात से को झड़प भी हुई। दरअसल, इन संगठनों से सरकार को अल्टीमेटम दे दिया था कि 15 मार्च तक स्वर्ण आयोग को एक्ट बनाकर कानूनी रूप दिया जाए। बजट सत्र खत्म हो गया है लेकिन इस बाबत सदन में बिल नहीं लाया गया। इससे नाराज स्वर्ण समाज ने आज शिमला में धरना करने का निर्णय लिया है।