शिमला|
हिमाचल हाईकोर्ट ने धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 2019 के विरुद्ध दायर की गई याचिका में सरकार को जारी किया नोटिस। जानकारी अनुसार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एलेग्जेंडर वेर्सुस द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में नोटिस जारी किया है, और हिमाचल सरकार से 6 हफ्तों के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक, और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की अदालत की तरफ से यह आदेश जारी किये गए हैं। जनहित याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजेश कुमार परमार और विजय जैन ने बताया कि इस जनहित याचिका के द्वारा याचिकाकर्ता ने हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।
जनहित याचिका द्वारा हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 2019 को चुनौती दी गई है। उन्होंने बताया इस अधिनियम द्वारा सरकार ने न केवल जनमानस के मौलिक अधिकारों का हनन किया है अपितु समाज सेवा कर रहे लोगों को भी कटघरे में ला खड़ा किया है। जिससे जन सेवा कर रहे संगठनों को हतोत्साहित किया जा रहा है।
अंततः समाज का गरीब पिछड़ा वर्ग जो सामाजिक सेवा से लाभ उठा रहा था वह इस लाभ से वंचित रहा है। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में अधिनियम के दुरुपयोग की संभावना भी जताई है और इसे सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बताया है।