शिमला ब्यूरो | 19 सितम्बर
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन जिला परिषद केडर कर्मचारियों (Zilla Parishad Cadre Employees) और अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज शिमला में विधानसभा का घेराव किया और कांग्रेस सरकार को चुनावों से पहले किए गए वादे की याद दिलाई। कर्मचारी सरकार से पंचायती राज विभाग में मर्ज करने और संशोधित वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ को मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर चौड़ा मैदान में ही प्रदर्शन (Demonstration) करना पड़ा। महासंघ की मानसून सत्र के दौरान विधानसभा घेराव की योजना थी, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चौड़ा मैदान में ही रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। महासंघ की मांग है कि जिला परिषद के कर्मचारियों का विभाग में बिलय किया जाए।
ज़िला परिषद् कर्मचारी और अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि ज़िला परिषद् कर्मचारियों और अधिकारियों को संशोधित वेतनमान के लाभ से वंचित कर दिया गया है कर्मचारियों की सैलरी फिक्स कर दी गई है तमाम वित्तीय लाभ कर्मचारीयों को नहीं मिल रहें हैं।
प्रदेश में लगभग 4700 ज़िला परिषद् कर्मचारी का भविष्य अधर में है। कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले कर्मचारीयों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की बात कही थी जिसकी याद दिलाने आज कर्मचारी विधान सभा के बाहर पहुंचे हैं।
कर्मचारियों ने विभाग में मर्ज करने, डीए व एरियर जारी करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी लंबे समय से सरकार से विभाग में मर्ज करने के साथ ही संशोधित वेतनमान और अन्य वित्तीय लाभ देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार केवल आश्वासन दे रही है।
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