प्रजासत्ता।
जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के तहत एक नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फैंकने के मामले को पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुलझा लिया है। ये पता लगा लिया है कि बच्ची को जन्म देने वाली युवती कौन है। दरअसल नाबालिग लड़की से उसके ही बहनोई ने 8-9 महीने पहले दुराचार किया था। इसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई। मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था। अगर लड़की का परिवार लोकलाज के भय से जन्म के तुरंत बाद नवजात को गोबर के ढेर में नहीं फैंकता तो एक आरोपी आसानी से बच जाता। इस समय नवजात की मां बालिग हो चुकी है लेकिन उम्र को लेकर उस तारीख को आधार बनाया जाएगा, जिस दिन किशोरी से दुराचार हुआ था।
बता दें कि रोनहाट उपतहसील की एक पंचायत में मंगलवार को गोबर के ढेर में एक नवजात लावारिस हालत मिली थी। पुलिस के सामने पहला सवाल बच्ची की मां की पहचान करना था। पहचान होते ही इस मामले ने नया मोड़ लिया। हालांकि घटना को लेकर किशोरी को आईपीसी की धारा-317 के तहत मुलजिम बनना पड़ेगा क्योंकि नवजात को लावारिस हालत में फैंका गया था। इसके पीछे बेशक हालात कुछ भी रहे हों। इसी बीच पुलिस ने बालिग हो चुकी किशोरी के बयान के आधार पर बहनोई के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
उधर, नवजात बच्ची नाहन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रही है। पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने कहा कि नवजात की मां के बयान के आधार पर जीजा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।