सिरमौर|
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 67 सीटों के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। अब केवल एक सीट पर पेच फंसा है। मिशन-2022 की तैयारियों में जुटी प्रदेश कांग्रेस पार्टी की राह मुशिकल होती जा रही है। बता दें कि अब पच्छाद सीट से टिकट न मिलने से नाराज वरिष्ठ नेता गंगू राम मुसाफिर ने बगावत कर दी है।
गंगू राम मुसाफिर ने 40 साल बाद फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है। शनिवार को राजगढ़ में मुसाफिर ने समर्थकों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया। गंगू राम के समर्थन में कांग्रेस के 1,000 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। हाईकमान को 25 अक्तूबर तक टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया है। टिकट नहीं बदला गया तो गंगू राम निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। सात बार विधायक रहे गंगू राम निर्दलीय उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बता दें कि गंगूराम मुसाफिर ने 1982 में पहली बार निर्दलीय चुनाव जीता था। 1985 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद वह राज्य वन मंत्री, सहकारिता मंत्री, परिवहन मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे। वह सात बार पच्छाद के विधायक रहे। 2009 में वह लोकसभा, इसके बाद 2012, 2017 और 2019 में विधानसभा चुनाव हारे। 2019 में उपचुनाव में भी उन्हें हार मिली।