प्रजासत्ता|
भाजपा से लगातार तीन बार जिलापरिषद का चुनाव जीतकर पूर्व में जिलापरिषद अध्यक्ष रही दयाल प्यारी ने भाजपा को गुड बाये कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। दयाल प्यारी को दिल्ली दरबार में पार्टी की सदस्यता हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और पवन बंसल ने दी। कांग्रेस में दयाल प्यारी का आना पच्छाद कांग्रेस की राजनीति में बड़ी सुनामी ला सकता है। यही नही दयाल प्यारी के कांग्रेस में जाने से पच्छाद भाजपा की सियासत में भी कोतुहल मच सकता है।
पच्छाद भाजपा से बागी होकर उपचुनाव लड़ने वाली दयाल प्यारी आज कांग्रेस कि हो चुकी हैं। इसमे कोई दौराये नही है कि दयाल प्यारी को कांग्रेस में शामिल करने के लिए हलचल दिल्ली दरबार मे ही हुई। यह सब इतना गुपचुप तरीक़े से हुआ कि हिमाचल के कांग्रेसियों को भी इसकी भनक नहीं लग पाई। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पच्छाद में कांग्रेस की अगली रणनीति भी कितनी पुख्ता होगी।
कांग्रेस के दिग्गज नेता जो कि राजा वीरभद्र सिंह दरबार मे मंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष रहे गंगूराम मुसाफिर भी इससे बिल्कुल अनभिज्ञ है। हालांकि मुसाफिर इस समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष है वाबजूद उन्ही के विधानसभा क्षेत्र से दयाल प्यारी की कांग्रेस में एंट्री आने वाले 2022 के चुनाव पर कई सवाल खड़े कर रही है। दयाल प्यारी का दिल्ली हाईकमान से बुलावा आना और कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करना कहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गंगूराम मुसाफिर की रिप्लेसमेंट तो नही। खैर अब सिरमौर की सियासत से लेकर शिमला तक हलचल मच गई है इससे किसको फायदा मिलेगा और किसको नुकसान यह देखना बाकी है।
उधर दयाल प्यारी से फोन पर हुई बात पर उन्होंने बताया कि उनको दिल्ली से फोन आया था जिसके बाद ने आज दिल्ली कांग्रेस दफ्तर गई। वहां हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और पवन बंसल ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दी। हालांकि दयाल प्यारी ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली से बुलावा आया और उन्होंने का कांग्रेस ज्वाइन की है। अब दयाल प्यारी किन शर्तों पर कांग्रेस में शामिल हुई है इसका अभी खुलासा नही ही पाया है।
मैं सोलन में चुनाव प्रचार पर हूँ दयाल प्यारी कांग्रेस में शामिल हुई है इसकी उन्हें कोई भी जानकारी नही है।
– जीआर मुसाफिर उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी।