जिला सिरमौर की विशेष अदालत के न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने प्रदेश हाईकोर्ट में अधिवक्ता रहे, आरटीआइ कार्यकर्ता केदार सिंह जिंदान की हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास व एक को कठोर कारावास तथा जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने बताया कि केदार ङ्क्षसह जिंदान की हत्या के दोषी जयप्रकाश को आइपीसी 302 तथा एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा तथा धारा 201 के तहत पांच वर्ष का कारावास तथा 25000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी के मुताबिक, 7 सितम्बर 2018 केदार सिंह जिंदान, रघुवीर सिंह और जगदीश बीआरसी जब अपने दफ्तर से बाहर निकले तो जय प्रकाश, उप प्रधान ग्राम पंचायत बकरास, कर्म सिंह उर्फ काकू और गोपाल सिंह सड़क पर खड़े थे|
जय प्रकाश और कर्म सिंह गाड़ी से उतर कर नैन सिंह से मिले और दोनों ने नैन सिंह से हाथ मिलाया| करीब 12 बजे दोपहर जब मृतक केदार सिंह जिंदान, रघुवीर सिंह और जगदीश चंद कार्यालय से बाहर निकले तो आरोपी जयप्रकाश ने केदार जिंदान को सड़क पर आने के लिए कहा| इस पर केदार जिंदान आ गया| बाद में तीनों में बहस शुरू हो गई| तीनों आरोपियों ने गाड़ी से डंडे निकालकर केदार जिंदान से मारपीट की और केदार सिंह सड़क पर गिर गया| आरोपी जयप्रकाश ने लोहे की रॉड से जिंदान के सिर पर वार किए और उसे गाड़ी से कुचल दिया|
मामले में 44 गवाह पेश हुए
अभियोग पक्ष ने विशेष अदालत में 44 गवाह पेश हुए और बचाव पक्ष ने दो गवाह पेश किये| मामले की पैरवी जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने की| साथ ही उप जिला न्यायवादी एकलव्य व संजय पंडित ने भी सहयोग किया| बाद में मामले ने प्रदेश भर में काफी तूल पकड़ा था. क्योंकि जिदान दलित समाज से आते थे और काफी चर्चित नाम थे|