सिरमौर|
दुनिया में बहुत से ऐसे भले लोग भी हैं जो अपनो को खोने के गम को भुलाकर दूसरों की जिंदगियां बचाने के लिए अच्छा काम करते हैं । ऐसा ही वाक्या सिरमौर जिला से सामने आया है जहां सड़क हादसे में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती हर्ष पंवार (19) के अंगदान से चार लोगों को नई जिंदगी मिली है। हर्ष पंवार का ब्रेनडेड हो गया जिसके बाद परिजनों ने अपने बेटे का ग़म भुलाकर दूसरों की जिंदगी बचाई है।
दरअसल सडक़ दुर्घटना में घायल होने के कारण हर्ष पंवार को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ की रोटो की टीम ने उसके परिवार को ऑर्गन डोनेट करने के लिए अपील की थी। इस पर मरहूम हर्ष के पिता इस बारे में अपने परिवार के सदस्यों से विचार के बाद अपने जिगर के टुकड़े के अंग दान करने को तैयार हो गए। पिता ने कहा कि अब जब उनका जिगर का टुकड़ा इस दुनिया में नहीं रहा, तो उसके अंगों को डोनेट कर हम अपने बच्चे को उन लोगों में देख सकेंगे, जिन्हें उसके ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए गए हैं। हर्ष की दोनों किडनी और दोनों ही कॉर्निया पीजीआई में ट्रांसप्लांट हुए।
जानकारी अनुसार इस महीने आठ मार्च को रोज की तरह हर्ष घर से निकला और एक हादसे में उसके सिर में गंभीर चोट आईं। इसके चलते वह घटना स्थल पर ही बेहोश हो गया। उसे स्थानीय प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर उसे उसी दिन पीजीआई चंडीगढ़़ रैफर कर दिया गया था। पीजीआई में डॉक्टर्स ने उसे बचाने के भरसक प्रयास किए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। 10 मार्च को पीजीआई ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी की बैठक में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसके बाद टीम ने हर्ष के परिवार के उसके ऑर्गन डोनेट करने के लिए प्रेरित किया, जिस पर वे तैयार हो गए।
पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने उसके परिवार के इस साहसिक फैसले की सराहना की। साथ रोटो के नोडल ऑफिसर और एमएमस प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि इस तरह से लोग आगे आएंगे तो डोनर का इंतजार कर रहे लोगों को नया जीवन मिलेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को ऑर्गन डोनेट करने चाहिएं। इससे गई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। उन्होंने हर्ष के पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के इस नेक कार्य को लेकर सराहना की।