सिरमौर|
सिरमौर जिला के शिलाई उपमंडल में तैनात एक पटवारी व कनिष्ठ सहायक को गलत प्रमाण पत्र जारी करना महंगा पड़ा। इस मामले में दोनों आरोपियों को दोषी पाए जाने पर 3-3 वर्ष कारावास के साथ दोषियों को पांच 5-5 हजार रुपए जुर्माना की भी सजा सुनाई है।
जानकारी अनुसार सिरमौर जिला सिरमौर न्यूज़ के शिलाई उपमंडल में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अंशुल मलिक की अदालत में गलत प्रमाण पत्र जारी करने पर पटवारी व कनिष्ठ सहायक को 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों को पांच 5-5 हजार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा। शिलाई उपमंडल में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अंशुल मलिक की अदालत में पटवारी व कनिष्ठ सहायक को कारावास की सजा सुनाई है।
सहायक जिला न्यायवादी ऋषि प्रकाश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अमर सिंह चौहान वर्तमान में कनिष्ठ सहायक उप तहसील रोनहाट तथा सावनु राम पटवारी, पटवार वृत्त पनोग ने अक्टूबर 2012 में गलत प्रमाण पत्र जारी किया, जिसकी शिकायत पुलिस थाना शिलाई में बबीता पुत्री जयप्रकाश निवासी ग्राम जरवा ने दर्ज कराई।
2012 का है मामला
पुलिस को दी अपनी शिकायत में बबीता ने बताया कि पटवारी सावनु राम तथा कनिष्ठ सहायक अमर सिंह चौहान ने धुर्मा देवी पुत्री बलिराम ग्राम जरवा को सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर गलत प्रमाण पत्र बना कर जारी किया। इस प्रमाण पत्र की बदौलत धुर्मा देवी को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साक्षात्कार में फायदा मिला। जिसकी शिकायत 12 अक्टूबर 2012 को बबीता देवी ने पुलिस थाना शिलाई में दर्ज करवाई।
मामले को पुलिस ने छानबीन करने के बाद अदालत में चालान पेश किया। इसके बाद अदालत में सुनवाई हुए। गवाह और सबूत के आधार पर पटवारी तथा कनिष्ठ सहायक दोषी पाए गए। जिस पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शिलाई की अदालत में दोनों दोषियों को आईपीसी की धारा 420 के तहत 3 वर्ष तथा आईपीसी 120 के तहत 6 महीने के कारावास की सजा सुनाई। दोनों दोषियों को 5- 5 हजार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा।