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Sirmour News: सरकारी धन गबन मामले में पूर्व कोषागार अधिकारी दोषी करार, 5 साल की सजा

Sirmour News: सरकारी धन गबन मामले में पूर्व कोषागार अधिकारी दोषी करार, 5 साल की सजा

Sirmour News: सिरमौर जिले में एक पूर्व जिला कोषागार अधिकारी को सरकारी धन के गबन के आरोप में दोषी ठहराया गया है।जिला एवं सत्र न्यायाधीश हंसराज की अदालत ने सतीश कुमार नामक इस अधिकारी को अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए कुल 5 साल की कैद की सजा सुनाई है। सतीश कुमार ने नाहन में जिला कोषागार अधिकारी के पद पर रहते हुए ई-पेंशन प्रणाली में हेराफेरी कर लगभग 1.69 करोड़ रुपये का गबन किया था।

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अदालत ने सतीश कुमार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया। इनमें धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी धन का दुरुपयोग शामिल हैं। अदालत ने सतीश कुमार पर जुर्माना भी लगाया है, जिसके भुगतान में विफल रहने पर उसे अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी। जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने इस मामले में अदालत में पैरवी की थी।

क्या है मामला 

जिला न्यायवादी ने बताया कि अदालत ने दोषी को पी.सी. एक्ट की धारा 13(2) के तहत 5 वर्ष के साधारण कारावास और 5000 रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी को 3 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा दोषी को आई.पी.सी. की धारा 409 के तहत दंडनीय अपराध के लिए 5 वर्ष के साधारण कारावास और 5000 रुपए जुर्माना अदा करने की भी सजा सुनाई है और यह जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भी दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा काटनी होगी.।

वहीं आई.पी.सी. धारा 420 के तहत दंडनीय अपराध के लिए 3 वर्ष के साधारण कारावास और 3000 रुपए का जुर्माना भरने के भी आदेश दिए है। ये जुर्माना न भरने पर भी दोषी को 2 महीने की अवधि के लिए साधारण कारावास काटना होगा। इसके साथ-साथ अदालत में आई.पी.सी. की धारा 467 के तहत दंडनीय अपराध के लिए 4 वर्ष के साधारण कारावास और 5000 रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई है।

उक्त जुर्माना अदा न करने पर 3 महीने की अवधि के लिए अतिरिक्त साधारण कारावास, आई.पी.सी. की धारा 468 के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास और 3000 रुपए का जुर्माना अदा करने और जुर्माना न भरने पर उन्हें 3 महीने की अवधि के लिए अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने के आदेश भी दिए है. ये सभी सजाएं एक साथ चलेगी।

जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया कि दोषी वर्ष 2012 से 2018 के बीच नाहन में जिला कोषागार अधिकारी के पद पर तैनात था, जिसने उक्त अवधि के दौरान ई-पेंशन प्रणाली में चालाकी से फर्जी प्रविष्टियां करके 1,68,66,371 रुपए की सरकारी धनराशि का गबन किया था।

Prajasatta News Desk

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