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Sirmour News: गिरिपार के रामनगर में सरकारों की बेरुखी के शिकार हुए अनुसुचित जाति के लोग! ना रास्ता, ना सड़क, अब होगा उग्र आंदोलन

Sirmour News: गिरिपार के रामनगर में सरकारों की बेरुखी के शिकार हुए अनुसुचित जाति के लोग! ना रास्ता, ना सड़क, अब होगा उग्र आंदोलन

Sirmour News: सिरमौर जिला, के गिरिपार क्षेत्र की राजपुर पंचायत के रामनगर गांव में अनुसूचित जाति के लोग आजादी के 78 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं। वर्षों से इस गांव को सरकार की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी गुस्सा उत्पन्न हो गया है। यदि समय पर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह गुस्सा आंदोलन का रूप ले सकता है।

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रास्ते की बदहाल स्थिति

रामनगर के लोग बरसात के मौसम में कई गांवों और शहरों से कट जाते हैं। गांव को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता अब गड्ढों में बदल चुका है। यहाँ तक कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बरसात के दौरान, इस रास्ते में बहने वाला खूनी खड्ड पार करना जान की बाजी लगाने जैसा हो गया है।

पुलिया की मांग

गांववासियों की लंबे समय से मांग है कि इस खड्ड में एक पुलिया बनाई जाए, ताकि बरसात के दौरान खड्ड में आने वाला पानी भारी तबाही ना मचाए। इससे मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके और उनके रास्ते में कोई दुर्घटना ना हो।

स्कूल के बच्चों की मुश्किलें

बरसात में स्कूल जाने वाले बच्चों को भी इस नाले को पार करना पड़ता है। हाल ही में, एक युवक इस नाले में बह गया था, लेकिन गनिमत रही कि उसे समय पर बचा लिया गया। वरना, उसकी जान भी जा सकती थी।

गांववासियों की सरकार को चेतावनी 

रामनगर के निवासी किड़वा राम, सिंघा राम, गीता राम, और गुमान सिंह ने बताया कि सरकार और प्रशासन ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। तारा चंद ने चेतावनी दी कि यदि समय पर पुलिया नहीं बनाई गई और कोई अनहोनी होती है, तो प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा। दौलत राम, रमेश चंद, सुंदर सिंह, और पत्रकार भीम सिंह ने भी कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे।गांववासियों का कहना है कि यदि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

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