अमित ठाकुर | परवाणू
परवाणू के आइजीनियस स्कूल द्वारा एनुअल फीस को लेकर स्कूल प्रबंधन व् अभिभावकों के बीच हुए विवाद पर शिक्षा विभाग स्वयं दिशाहीन ! शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में निजी स्कूलों को अपनी मर्जी से संचालन के निर्देशों का निजी स्कूल गलत फायदा उठा रहे हैं, जिस पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग के पास कोई दिशा निर्देश नहीं हैं जिस कारण विभाग इस मामले में कोई भी कदम उठाने में असमर्थ है| एनुअल फ़ीस को लेकर जहाँ स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर दबाव बना रहा है वहीँ अभिभावक इसे शिक्षा विभाग की नाकामी व् निजी स्कूलों की मनमानी बता रहे हैं, स्कूल प्रबंधन ने फ़ीस एकमुश्त देने में असमर्थ अभिभावकों किश्तों में देने की पेशकश की जबकि दो से तीन महीने के लिए इतनी राशि देना अभिभावकों को नागवार हो रहा है | अभिभावको का कहना है की कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार द्वारा कभी भी स्कूल बंद करने के आदेश जारी किये जा सकते हैं ऐसे में एनुअल फ़ीस अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ है जो की अमान्य है साथ ही अमानवीय है | अभिभावकों ने कहा की कोरोना काल के चलते लोगों के कारोबार में काफी गिरावट आयी है ऐसी में एनुअल फ़ीस के रूप में यह सालाना इतनी बड़ी राशि देना अभिभावकों के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है, हालाँकि अभिभावकों ने कहा की मासिक फ़ीस पर उनकी और से सहमति है परन्तु निजी स्कूल प्रबंधन पूरी सालाना शुल्क लेने पर अड़ा हुआ है |
इस बारे में शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक भुवन शर्मा से बात करने पर उन्होंने कहा की स्कूल को एनुअल फ़ीस नहीं लेनी चाहिए मगर फ़ीस को लेकर अभी विभाग के पास कोई विशेष दिशानिर्देश नहीं है | यदि निजी स्कूल सरकारी दिशानिर्देशों की अवेहलना कर रहे है व दिशानिर्देशों को ग़लत तरीके से बयान कर रहे है तो उन स्कूलों पर क़ानूनी कार्यवाही अवश्य की जाएगी |