कसौली|
कसौली विधासभा के ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को विधानसभा चुनाव से पहले भंग करने से कांग्रेस पार्टी को ही उल्टी बैठने लग गईं हैं ठीक विधानसभा चुनाव से पहले कमेटी के के भंग को लेकर भले ही एक गुट अपनी जीत हासिल करने को लेकर खुश हो रहा हो लेकिन यह कदम अंदर खाते उल्टा बैठ सकता है। जानकारों कहना है कि इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भी जानकारी नहीं दी गईं नही उन्हें विश्वास में लिया गया।
कसौली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस में लगातार एक ही परिवार से 40 वर्षों से पार्टी उम्मीदवार घोषित करती रही है। के.डी. सुल्तानपूरी 6 बार सांसद रहे चुके हैं अब स्वर्गीय के.डी. सुल्तानपूरी के सपुत्र विनोद सुल्तानपूरी को दो बार विधानसभा चुनाव में अजमा चुकी हैं वर्ष 2012 में विनोद सुल्तान पूरी मात्र 24 मतों से हार गये थे व वर्ष 2017 में यह हार का आंकड़ा 428 के करीब हो गया है । और भाजपा के डॉ राजीव सहजल लगातार वर्ष 2006 से लेकर अब तक के तीनों विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्त कर चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी बार बार एक ही परिवार से उम्मीदवार को उतारने से इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में कसौली से नया चेहरा उतार कर हार को विजय में बदलना चाहती है। परंतु दो बार हार का सामना कर चुके विनोद सुल्तानपूरी इस बार भी विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का दावा ठोकते दिखाई दे रहे हैं जबकि कसौली कांग्रेस परिवाद से हताश हुए कार्यकताओं में मनोबल में गिरावट देखी जा सकती है इसी का लाभ भाजपा को मिलता रहा है अब ठीक चुनाव से पहले ब्लाक कांग्रेस कमेटी को भंग करना भी कांग्रेस को भारी पड़ सकता हैं।
कसौली ब्लाक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ठाकुर दास शर्मा को मीडिया के माध्यम से ही पता चला कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया है। उनका कहना है कि वह पार्टी के सच्चे सिपाई हैं पार्टी जो भी निर्णय या जिम्मेदारी उन्हें देगी वह पूरी वफादारी से अदा करते रहेंगे । बरहाल भले ही कांग्रेस के नेता कोई गुट बाजी की न होने की बात्व ब्यान दे रही है परंतु पार्टी में अंतर कलह अपनी चरण सीमा में पँहुच चुका है।