जी. एल. कश्यप।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा खाद्य सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश के सभी राजस्व जिलों में ऐसे कार्यक्रम निगम द्वारा आयोजित किया जा रहे हैं। निगम के कालूझींडा के भंडारण केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उप मंडल अधिकारी नालागढ़ महेंद्र पाल सिंह विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस अवसर पर निगम शिमला के क्षेत्रीय कार्यालयं सहायक महाप्रबंधक (अधिप्राप्ति) तपस रंजन सेठी ने भारतीय खाद्य निगम की उपलब्धियों को पेश करते हुए कहा कि वर्ष 1965 से भारतीय खाद्य निगम देश की सेवा में अनवरत कार्यरत है। भारतीय खाद्य निगम जहां एक ओर किसानों से एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यान्नों की खरीद करता है वहीं पंजाब जैसे सरप्लस क्षेत्रों से हिमाचल प्रदेश जैसे अभावग्रस्त क्षेत्रों में अनाज का परिचालन भी करता है
उन्होंने बताया कि कोविड-19 जैसी विपरीत परिस्थितियों में निगम के कर्मियों ने फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका बखूबी निभाई। इस वर्ष प्रदेश में जहां एक और गेहूं की रिकार्ड खरीद हुई वहीं भारतीय खाद्य निगम धान की खरीद में भी रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश के 5 राजस्व जिलों में गेहूं के 8 खरीद केंद्र खोले गए जिसमें से करीब 13 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीद 3258 किसानों से की गई। सभी किसानों को 24 से 48 घंटे के अंदर उनके उत्पाद के मूल्य का भुगतान कर दिया गया। सभी 3258 किसानों के बीच ₹ 25 करोड़ 75 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
तपस रंजन शेट्टी सहायक महाप्रबंधक भारतीय खाद्य निगम शिमला ने बताया कि प्रदेश में अभी धान की खरीद चल रही है हिमाचल प्रदेश में धान की खरीद पहली बार ही हो रही है तैयारियां हेतु बहुत कम समय मिलने के बावजूद प्रदेश की 9 मंडियों में धान की खरीद चल रही है। अब तक 20 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीद प्रदेश के 4000 किसानों से की जा चुकी है। इन किसानों को निर्धारित समय सीमा में करीब 38 करोड रुपए का भुगतान सीधे उनके खातों में किया किया जा चुका है। अभी भी इन मंडियों में धान का उपार्जन जा रही है इससे प्रदेश के किसान काफी लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने प्रदेश की देशभर में केंद्रीय पूल के लिए खरीफ वर्ष 2020-21 में 894 लाख मैट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। इस तरह रवि वर्ष 2001-22 में 433 लाख मैट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति की जा चुकी है। मनोज कुमार प्रबंधक (गुण नियंत्रण) ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम सिर्फ रिकार्ड खरीद ही नहीं कर रहा बल्कि दिनों दिन अपने ऑपरेशन में नई तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने बताया कि
पीएमजीकेवाई 1 से 4 के अंतर्गत पूरे देश में कुल 565 मीट्रिक टन गेहूं एवं चावल का कोविड काल मे मुफ्त वितरण किया गया उन्होंने यह भी बताया कि अभी पीएमजीकेवाईवाई – की भी घोषणा सरकार द्वारा की गई जिससे लाभार्थियों को मार्च 2022 तक मुफ्त राशन का लाभ मिलेगा।
फोटोकैप्शन 27: कालूझींडा में पौधरोपण करते हुए मुख्यातिथि व अन्य।