– वर्ष 2019 में मानपुरा में मलबे में धंसे 2 लोगों की जान बचाई थी लखवीर सिंह ने
– फर्ज के लिए खुद की ज़िंदगी की प्रवाह नहीं करता हिमाचल पुलिस का ये अधिकारी
ओम शर्मा। बीबीएन
फर्ज के लिए अपनी जान जोखिम में हर कोई नहीं डालता, वर्दी तो कईयों के बदन पर है पर उस वर्दी का कर्ज उतारने का जज्बा किसी किसी में ही होता है। अपने फर्ज और लोगों की ज़िंदगी बचाने का जो जज्बा और जनून देवभूमि के सपूत और हिमाचल पुलिस के अधिकारी DSP लखवीर सिंह में है वो कुछ पुलिस जवानों में ही होता है।
रविवार को पहाडी इलाके में हुई बारिश के बाद बद्दी के साथ लगती सरसा नदी के अचानक पानी बढ़ गया। इसी के चलते उसमे एक मासूम बच्चा फंस गया। जैसे ही सरसा नदी के उफान में मासूम बच्चे के फंसे होने की सूचना बद्दी पुलिस को मिली डीएसपी बद्दी लखवीर सिंह की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची, और बचाव अभियान शुरू किया
मासूम की ज़िंदगी खतरे में देख डीएसपी लखवीर सिंह और उनके साथ दो अन्य लोग बच्चे और इसके साथ फंसे एक अन्य व्यक्ति को रेस्क्यू करने सरसा नदी में उतर गए। हाईड्रा मशीन में ट्रॉली लगा कर मशीन हेल्परों की मदद से लखवीर सिंह सरसा नदी में फंसे मासूम और उसके साथ व्यक्ति को रस्सियों की मदद से उफनती नदी से बाहर निकाल लाये।
सरसा नदी के उफान में फंसे मासूम को हेडरा मशीन की मदद से लखवीर सिंह ने मासूम सुरक्षित बाहर निकालने के इस अभियान में मशीन के साथ आए हेल्परों ने भी मदद की।
गौरतलब है के वर्ष दो हजार उन्नीस में बद्दी में बतौर एसएचओ रहते मानपुरा में भूस्खलन के चलते एक मकान के धंसने से परिवार लोग अंदर दब गए थे। उस समय भी लखवीर सिंह ने अपनी जान की प्रवाह किए बिना मकान के मलबे में दबी महिला को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला था। वहीं सात घन्टे के रेस्क्यू ऑपरेशन में महिला को सुरक्षित निकालने के साथ साथ मलबे में दबे शवों को भी बाहर निकला गया था। उस रेस्क्यू ऑपरेशन में लखवीर सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। आज फिर एक बार लखवीर सिंह ने अपनी जान की प्रवाह किए बगैर अपना फर्ज निभाते हुए तेज बहाब में फंसे मासूम को बचाकर बहादुरी का परिचय दिया। अदम्य साहस और जज्बे के लिए लखवीर सिंह को डीजीपी डिस्क अवार्ड से नवाजा जा चुका है।