प्रजासत्ता|
परवाणू-शिमला फोरलेन पर अवैध 75 भवनों को तोडऩे का काम मंगलवार को शुरू कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन व एनएचएआई की ओर से संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। बता दें कि एसडीएम सोलन ने सोमवार को ऐसे कुछ अवैध भवनों का निरीक्षण भी किया था। अब स्थानीय प्रशासन व एनएचएआइ संयुक्त रूप से इन भवनों को तोड़ेने का कार्य शुरू किया है।
बता दें की प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में यह अभियान शुरू किया गया है|एनएचएआइ के परियोजना निदेशक सुरेश शर्मा का कहना है कि परवाणू से कथैलीघाट तक अवैध भवन मालिकों को कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी। मंगलवार से इन भवनों को तोडऩे का कार्य शुरू कर दिया गया है।
गौर हो कि परवाणू से कैथलीघाट तक 75 ऐसे भवन हैं, जो फोरलेन के दायरे में आए थे। इन सभी भवन मालिकों को मुआवजा कई वर्ष पहले दिया जा चुका है। मुआवजा लेने के बाद कुछ लोगों ने भवन खाली नहीं किए और सरकारी जमीन पर भवन निर्माण कर डाला। ऐसे तमाम भवन मालिकों को कुछ दिनों पहलेे चेतावनी दी गई थी और सबंधित विभागों को बिजली-पानी के कनेक्शन काटे जाने के आदेश जारी हुए थे। बताया जा रहा है कि इसके बावजूद कुछ लोगों ने अभी तक भवनों को खाली नहीं किया था।
कोर्ट की फटकार के बाद एसडीएम सोलन व प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने जल्द कनेक्शन काटने की कार्रवाई करने के लिए इन विभागों को पत्र जारी किया था, जिसके बाद सबंधित विभागों को बिजली-पानी के कनेक्शन काटे थे । दत्यार से लेकर बसाल पट्टी, कथेड़, चंबाघाट तक 75 मकानों को कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है।